पटना समाचार: पटना के फतुहा थाना क्षेत्र के वरुणा गांव में शराब के नशे में धुत युवक का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पिस्टल लहराते हुए ग्रामीणों को धमकाता है और अपनी मां पर भी पिस्टल तान देता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से देसी पिस्टल और 10 कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
घटना का विवरण
यह घटना 26 नवंबर की शाम की है। युवक का नाम अजय कुमार है, और वह शराब के नशे में पूरी तरह से धुत था। वह लगभग डेढ़ से दो घंटे तक पिस्टल लेकर गांव में दहशत फैलाता रहा। इस दौरान, उसने अपनी मां को भी नहीं बख्शा और उसे पिस्टल तान दी। इस घटनाक्रम से पूरे गांव में डर का माहौल बन गया। जब गांववालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, तो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। सादे लिबास में पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कार्रवाई
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फतुहा पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की और उसे पकड़ लिया। पुलिस ने युवक से एक देसी पिस्टल और 10 जिंदा कारतूस बरामद किए। गिरफ्तार युवक पहले भी गोलीबारी की घटनाओं में शामिल रहा है और उस पर कई गंभीर आरोप हैं। पुलिस ने बताया कि युवक का गांव के ही एक अन्य पक्ष से जमीन को लेकर विवाद था, और यही विवाद उसके हिंसक कृत्यों का कारण बन गया।
युवक के बारे में
अजय कुमार पहले भी दो बार गोलीबारी में घायल हो चुका है। पहली बार 17 मार्च को उसे हाथ में गोली लगी थी, और दूसरी बार 8 अगस्त 2024 को उसके जबड़े में गोली लगी थी। वह इन घटनाओं का बदला लेने के लिए ग्रामीणों में दहशत फैला रहा था। पुलिस के मुताबिक, यह मामला पहले से चल रहे जमीन विवाद का परिणाम है, जिसमें युवक के साथियों ने भी कई बार गोलीबारी की थी।
सरकारी बयान
फतुहा एसडीपीओ निखिल कुमार ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि "हमने सूचना मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की और युवक को गिरफ्तार किया। यह युवक पहले भी गोलीबारी में शामिल था और कई मामलों में उसकी संलिप्तता रही है। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
नीतीश सरकार के शराबबंदी की तस्वीर
इस घटना ने एक बार फिर बिहार सरकार की शराबबंदी नीति पर सवाल उठाए हैं। पटना में शराब की बिक्री प्रतिबंधित है, लेकिन इस युवक का नशे में धुत होकर हथियार लहराना और हिंसा फैलाना इस नीति की असफलता को दर्शाता है। इस घटना से यह भी साबित होता है कि शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब की उपलब्धता और नशे के कारण ऐसे हिंसक कृत्य हो रहे हैं।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर करती है, बल्कि यह बिहार में शराबबंदी की नाकामी को भी साबित करती है। पुलिस ने समय रहते युवक को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस घटना से यह सवाल भी खड़ा होता है कि अगर शराबबंदी का सही तरीके से पालन किया गया होता तो शायद इस तरह के विवाद और हिंसा से बचा जा सकता था।
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