बिहार: भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के 400 छात्रों पर केस दर्ज, पुलिस से झड़प मामले ने पकड़ा नया तूल

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Samastipur News Bihar

बिहार के भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के 400 अज्ञात छात्रों पर पुलिस से झड़प के मामले में केस दर्ज किया गया है। यह घटना रैगिंग की शिकायत पर पुलिस द्वारा हॉस्टल पहुंचने के बाद हुई थी। इस मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है और कानूनी प्रक्रिया में कई सवाल उठने लगे हैं।

भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की घटना

भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में 25 नवंबर की रात छात्रों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी। रैगिंग की शिकायत पर पुलिस हॉस्टल पहुंची थी, लेकिन यहां छात्रों ने पुलिस पर पत्थर फेंके, जिससे पुलिस को हॉस्टल में घुसकर लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान छात्रों के अलावा कॉलेज के शिक्षक, प्राचार्य और सिक्योरिटी सुपरवाइजर पर भी लाठियां चलाई गईं। घटना के बाद एसएसपी के आदेश पर छात्रों को हॉस्टल से निकालकर उनके घर भेज दिया गया। हालांकि, अब गुरुवार से छात्र वापस कॉलेज लौटेंगे और पढ़ाई शुरू होगी।

400 छात्रों पर केस दर्ज

भागलपुर पुलिस ने तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कर 400 अज्ञात छात्रों को आरोपित किया है। पुलिस ने यह कदम तीन अलग-अलग पुलिसकर्मियों के बयान पर उठाया है। यह घटना अब कई सवालों को जन्म दे रही है, जैसे कि जब एक ही घटना और एक ही स्थान पर हादसा हुआ, तो पुलिस ने तीन अलग-अलग बयान क्यों दिए और केस क्यों दर्ज किए गए।

महिला सिपाही की शिकायत

इस मामले में महिला सिपाही प्रीति कुमारी ने भी एक शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 400 छात्रों का समूह हॉस्टल गेट पर आकर उनके और अन्य महिला सिपाहियों के साथ बदतमीजी करने लगा। जब उन्होंने विरोध किया, तो उनके साथ मारपीट शुरू हो गई। इस घटना के बाद महिला सिपाही ने प्राथमिकी दर्ज कराई।

प्रभारी थानाध्यक्ष का बयान

प्रभारी थानाध्यक्ष सुधांशु शेखर के बयान में भी यह आरोप लगाया गया कि लगभग 300-400 छात्रों ने एनएच 80 स्थित कॉलेज के मुख्य द्वार पर सरकारी वाहन को क्षतिग्रस्त किया और पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की। छात्रों ने पत्थर फेंके और जानलेवा हमला किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर छात्रों को चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई करने का भी उल्लेख किया है।

निष्कर्ष

यह घटना भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में बढ़ते तनाव और छात्र-शक्ति के संघर्ष का प्रतीक बन गई है। पुलिस और छात्रों के बीच हुई यह झड़प अब कानून और न्यायालय में हल होने का रास्ता तलाश रही है। इस घटनाक्रम से यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या कॉलेज प्रशासन और पुलिस इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए पहले से बेहतर तैयारी कर सकते थे।

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