18 सितंबर 2025 - जब कोई नेता अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाता है, तो यह ना केवल उसकी उम्र का जश्न होता है, बल्कि उसके जीवन के अनुभवों, संघर्षों और उपलब्धियों का भी उत्सव होता है। इस खास मौके पर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न केवल जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं, बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता एवं भारत-रूस के अटूट रिश्तों की भी खुले दिल से तारीफ की।
पुतिन ने मोदी को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” को मजबूत करने में उनके महान व्यक्तिगत योगदान पर बधाई दी और कहा कि मोदी ने सोशल, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में भारत के असाधारण विकास में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी बताया कि पीएम मोदी को न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी उच्च सम्मान और अपार लोकप्रियता मिली है। यह बात दर्शाती है कि उनके नेतृत्व में भारत न केवल अंदरूनी रूप से सशक्त हुआ है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनी है।
यूक्रेन शांतिपूर्ण समाधान में भारत की भूमिका और संघर्षों की चुनौतियां

यह संचार ऐसे समय में हुआ है जब रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ताएं ठंडी पड़ गई हैं। दोनों देशों के बीच बातचीत लंबित है और कोई ठोस नतीजा अभी तक देखने को नहीं मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि हिंसा के माध्यम से समाधान संभव नहीं है। उन्होंने शांति वार्ता को प्राथमिकता देते हुए जोर दिया कि भारत इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए हर संभव योगदान देने को तैयार है।
रूस के साथ बढ़ते संबंधों के बावजूद, भारत ने अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखा है और दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाने का प्रयास किया है। पुतिन ने भी मोदी के इस मध्यस्थतात्मक प्रयास की सराहना की। यह बताता है कि भारत ने अपने कूटनीतिक कौशल और शांतिप्रिय रवैये से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि को और मजबूत किया है।
दिसंबर में होने वाली भारत-रूस वार्षिक बैठक की तैयारियां
पुतिन और मोदी की बातचीत में दिसंबर में रूस के भारत दौरे की भी चर्चा हुई, जहां वे 23वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए मुलाकात करेंगे। यह मोदी के नेतृत्व में रूस का पहला दौरा होगा, जो इस युग की व्यापक जटिलताओं के बीच दोनों देशों की दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी को नए सिरे से परिभाषित करेगा।
भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह अपनी राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ऊर्जा सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में अपने निर्णय स्वयं लेगा, चाहे अंतरराष्ट्रीय दबाव कोई भी हो। पुतिन ने भी अपने भाषणों में ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों की सराहना की, जो भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 75वीं वर्षगांठ पर विश्व के कई नेता, जैसे कि डोनाल्ड ट्रंप, बेंजामिन नेतन्याहू और एंथनी अल्बनेसे, ने भी बरसों की दोस्ती और सम्मान व्यक्त किया, जो यह दर्शाता है कि मोदी का योगदान केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि विश्व मंच पर भी अहम है।
यह भी पढ़ें:-
- Modi 75th Birthday: ईयू-भारत नई रणनीतिक साझेदारी भविष्य के लिए बड़ी तैयारी
- मोदि और शी जिनपिंग की अहम मुलाकात दोस्ती के नए अध्याय की शुरुआत
- Trump Putin Meeting ट्रंप-पुतिन मुलाकात: भारत की प्रतिक्रिया और शांति की उम्मीदें
- PM Modi ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड, स्वतंत्रता दिवस पर दिया अब तक का सबसे लंबा भाषण