18 सितंबर 2025, Modi 75th Birthday: अभी हाल ही में यूरोपियन यूनियन (EU) ने भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी ढांचे की घोषणा की है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में नया मोड़ आ गया है। यह पहल अब सिर्फ रणनीति या समझौते तक सीमित नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत नींव है जिसमें सुरक्षा, व्यापार, और तकनीक के साथ-साथ वैश्विक मुद्दे भी शामिल हैं।
साझा हितों पर आधारित है नई रणनीति
यूरोपियन कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डार लेयेन ने इस नए रणनीतिक सहयोग को भारत के लिए खास बताया। उनका कहना है कि "अब समय है भरोसेमंद पार्टनर्स पर ध्यान देने का और उन साझेदारियों को मजबूत करने का जो आपसी हितों और साझा मूल्यों पर आधारित हो।" इस फ्रेमवर्क में सुरक्षा-रक्षा, वैश्विक मामलों, समृद्धि, स्थिरता, और तकनीकी नवाचार को पांच अहम क्षेत्रों के रूप में चुना गया है।
संबंधित आर्टिकल्स
Bihar politics Live Bihar Band: पीएम मोदी की मां को लेकर विवाद गहराया, 4 सितम्बर को एनडीए ने किया बंद का ऐलान
मोदि और शी जिनपिंग की अहम मुलाकात दोस्ती के नए अध्याय की शुरुआत
Bihar Voter List Controversy: नवादा में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ राहुल-तेजस्वी का BJP और चुनाव आयोग पर हमला
Bihar Politics Update: आशुतोष कुमार भूमिहार का बीजेपी में शामिल होना बना चुनावी चर्चा का मुद्दा
Bihar Politics: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का बड़ा बयान – “मेहनत करो तभी मिलेगा BJP का टिकट”
बिहार में हेल्थकेयर का नया युग शुरू! पीएम मोदी ने दरभंगा में AIIMS का शिलान्यास किया, जानें कैसे होगा इलाके में बड़ा बदलाव
इस सहयोग का मतलब यह है कि अब भारत और ईयू मिलकर साइबर-सुरक्षा, मैरीटाइम सिक्योरिटी, और आतंकवाद-निरोध जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों पर एकजुट होकर काम करेंगे। इसके अलावा, डिजिटल इनोवेशन, ग्रीन एनर्जी, और स्टार्टअप पार्टनरशिप कई नई संभावनाएं खोल रही हैं।
व्यापार समझौते को मिली तेज रफ्तार
इस साझेदारी के साथ भारत-ईयू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत भी तेज हो गई है। दोनों ओर से घोषणा की गई है कि ये समझौता दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। इस समय व्यापारिक संबंध मजबूत हैं—साल 2024 में भारत और ईयू के बीच व्यापार 120 अरब यूरो तक पहुंच गया। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर बन चुका है और दोनों तरफ से निवेश को खुला रखने पर सहमति बनी है।
चुनौतियों की बात करें तो वैश्विक अस्थिरता, यूएस टैरिफ का दबाव, और हाल की घटनाओं के बीच भारत और ईयू का यह कदम अर्थव्यवस्था और सप्लाई चेन दोनों के लिए भरोसे का संकेत है। अब द्विपक्षीय व्यापार में नए आयाम, जैसे कि तकनीक, कृषि, और इंडस्ट्रियल गुड्स पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही, मोबिलिटी कॉपरेशन फ्रेमवर्क के तहत स्टडी, वर्क, और रिसर्च के अवसर भी बढ़ जाएंगे।
यूक्रेन शांति प्रयासों में भारत का नेतृत्व
इस नए सहयोग के साथ भारत की भूमिका सिर्फ व्यापार या तकनीक तक सीमित नहीं है। यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए भी भारत मध्यस्थता की एक अहम भूमिका निभा रहा है। मोदी ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिका के ट्रंप और उर्सुला वॉन डार लेयेन से फोन पर बात की। इन्हीं संवादों में भारत ने दोहराया – "यूक्रेन युद्ध का हल संवाद और कूटनीति से ही संभव है।" यह दीर्घकालिक शांति की दिशा में भारत के बढ़ते कद और गंभीरता को दर्शाता है।
भारत की नीतिगत रुख ने उसे वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण बना दिया है। ईयू और रूस, अमेरिका तथा अन्य देशों के बीच संवाद में भारत की भूमिका निर्णायक बनती जा रही है, जिससे न केवल एशिया बल्कि दुनियाभर के शांति और स्थिरता प्रयासों को नई दिशा मिली है।
सहयोग के नए रास्ते और भविष्य की उम्मीद
इस नए सहयोग के साथ भारत की भूमिका सिर्फ व्यापार या तकनीक तक सीमित नहीं है। यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए भी भारत मध्यस्थता की एक अहम भूमिका निभा रहा है। मोदी ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिका के ट्रंप और उर्सुला वॉन डार लेयेन से फोन पर बात की। इन्हीं संवादों में भारत ने दोहराया – "यूक्रेन युद्ध का हल संवाद और कूटनीति से ही संभव है।" यह दीर्घकालिक शांति की दिशा में भारत के बढ़ते कद और गंभीरता को दर्शाता है।
भारत की नीतिगत रुख ने उसे वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण बना दिया है। ईयू और रूस, अमेरिका तथा अन्य देशों के बीच संवाद में भारत की भूमिका निर्णायक बनती जा रही है, जिससे न केवल एशिया बल्कि दुनियाभर के शांति और स्थिरता प्रयासों को नई दिशा मिली है।
यह भी पढ़ें:-
- मोदि और शी जिनपिंग की अहम मुलाकात दोस्ती के नए अध्याय की शुरुआत
- Trump Putin Meeting ट्रंप-पुतिन मुलाकात: भारत की प्रतिक्रिया और शांति की उम्मीदें
- PM Modi ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड, स्वतंत्रता दिवस पर दिया अब तक का सबसे लंबा भाषण
- दिल्ली-NCR की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने पर बहस तेज