कटिहार: बिहार के कटिहार जिले के डंडखोरा प्रखंड के सौरिया पंचायत के बरौनी कदम टोला गांव में पिछले आठ दिनों के भीतर तीन लोगों की मौत से पूरे गांव में डर का माहौल है। मृतकों में एक चाचा-भतीजा और एक अन्य महिला शामिल हैं। इस घटना की पुष्टि गांव के मुखिया निरंजन कुमार मंडल ने की है। उन्होंने बताया कि लखन मड़ैया (22) और उसके भतीजे सोहन मड़ैया (06) की मौत क्रमश: 20 और 24 सितंबर को हुई। वहीं, शुक्रवार की सुबह पेयरी देवी नामक महिला का भी निधन हो गया।
उल्टी और दस्त से मौत की आशंका
मृतकों के परिजनों का कहना है कि उल्टी और दस्त के कारण उनकी मौत हुई है। मृतक लखन मड़ैया की मां चमेली देवी ने बताया कि उनके बेटे और पोते को दो बार उल्टी और दस्त की शिकायत हुई थी। लखन को इलाज के लिए कटिहार सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, सोहन को डंडखोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी भी मृत्यु हो गई। इस घटना से गांव के लोग डरे हुए हैं, और डीएम के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप शुरू कर दिया है। फिलहाल तीन अन्य लोगों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
घुघनी खाने से बिगड़ी तबीयत
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परिजनों के अनुसार, जितिया पर्व के दिन 20 सितंबर को घर में घुघनी बनाई गई थी, जिसे खाने के बाद चाचा-भतीजे की तबीयत बिगड़ने लगी। उल्टी और दस्त होने पर दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद से गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कैंप लगाया गया है। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. जय प्रकाश सिंह ने बताया कि 24 सितंबर से मेडिकल टीम गांव में तैनात है। अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और तीन अन्य का इलाज चल रहा है। गांव में लोगों की जांच की जा रही है और ओआरएस, जिंक और अन्य दवाइयां वितरित की जा रही हैं।
फूड प्वाइजनिंग से मौत की पुष्टि
घटना की जांच के बाद सिविल सर्जन डॉ. जेपी सिंह ने बताया कि इन मौतों का कारण डायरिया नहीं, बल्कि फूड प्वाइजनिंग है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गांव में यह अफवाह फैल गई थी कि मौतें डायरिया से हुई हैं, लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि इन लोगों की मौत फूड प्वाइजनिंग से हुई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में ब्लीचिंग पाउडर और चूना का छिड़काव कराना शुरू कर दिया है। साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांव में संभावित मरीजों की पहचान करें और जरूरी चिकित्सा सहायता प्रदान करें।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह
डीआईओ डॉ. एस. सरकार ने बताया कि बरसात के मौसम में पानी की अशुद्धता का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने गांव के लोगों से अपील की कि वे पानी को उबालकर पिएं और बासी भोजन का सेवन न करें। खाने को ताजा बनाकर ही खाएं, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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