पटना में मेट्रो निर्माण के दौरान हुए हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार की रात मेट्रो टनल के पास लोको मशीन का ब्रेक फेल हो गया, जिससे दो मजदूरों की जान चली गई और छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे ने मेट्रो प्रोजेक्ट में जुड़े अफसरों और कर्मचारियों की लापरवाही पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
हादसे की शुरुआती जानकारी के मुताबिक, लोको मशीन से मेट्रो टनल के भीतर सामान पहुंचाया जा रहा था। उसी दौरान मशीन का ब्रेक फेल हो गया, और टनल में काम कर रहे मजदूर उसकी चपेट में आ गए। मजदूरों का आरोप है कि कई बार मशीन की खराब हालत की शिकायत करने के बावजूद अफसरों ने इसे नजरअंदाज किया और उन्हें जोखिम में डाल दिया।
गीली मिट्टी का भी असर
संबंधित आर्टिकल्स
Bihar Election 2025: VIP को मिली 15 सीटें तेजस्वी यादव ने छोड़ी गौरा बौराम! बिहार में बदल गया सियासी समीकरण
Bihar Election 2025: योगी आदित्यनाथ का बिहार में बड़ा बयान ‘विकास बनाम बुर्के’ की शरारत कौन कर रहा है?
BJP Candidates Second List 2025: बिहार चुनाव में BJP ने जारी की दूसरी सूची, मैथिली ठाकुर और आनंद मिश्रा को मिला टिकट
Bihar Election 2025: BJP को बड़ा झटका! छपरा की राखी गुप्ता ने किया बगावत का ऐलान!
Bihar Election 2025: मैथिली ठाकुर ने चुनाव लड़ने की अटकलों पर तोड़ी चुप्पी, जानें क्या कहा
Bihar Election 2025: NDA में सीट शेयरिंग पर मांझी के बदलते बयान ने मचाया सियासी हलचल
बताया जा रहा है कि टनल के आसपास की मिट्टी गीली हो गई थी, जिससे हादसा और भी खतरनाक बन गया। सवाल ये है कि मिट्टी की हालत इतनी खराब थी, तो क्या सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम किए गए थे? अफसरों की तरफ से सावधानी क्यों नहीं बरती गई?
सुरक्षा मानकों की कमी का बड़ा मुद्दा
पटना के कई इलाकों में जहां मेट्रो का काम हो रहा है, वहां की सड़कों की हालत भी खराब है। राजेंद्र नगर से लेकर मलाही पकड़ी और अशोक राजपथ जैसे इलाकों में भी मेट्रो निर्माण साइट्स के पास गहरे गड्ढे और कमजोर सुरक्षा उपाय देखे जा सकते हैं। इन रास्तों से गुजरने वाले लोग हमेशा खतरे में रहते हैं, फिर भी अफसरों पर कोई असर नहीं पड़ता।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे की गंभीरता को देखते हुए पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने इसे "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया है और जांच के लिए एक उच्च स्तरीय टीम का गठन किया है। डीएम ने भरोसा दिलाया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
ये पहला मामला नहीं है। पहले भी पटना के कंकड़बाग में मेट्रो निर्माण के दौरान एक ऑटो मेट्रो की क्रेन से टकरा गई थी, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी। बार-बार ऐसी घटनाएं होने से लोग घबराए हुए हैं और अब ये मांग कर रहे हैं कि मेट्रो परियोजना में सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाए।
निष्कर्ष: पटना मेट्रो हादसे ने अफसरों की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया है। मेट्रो प्रोजेक्ट के काम में सुधार और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत है ताकि ऐसे हादसे फिर न हों और लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।
इसे भी पढ़े :-
- समस्तीपुर में शराब पार्टी के दौरान बवाल: पैसे के लेनदेन पर गोलीबारी, एक गिरफ्तार
- Bihar news: धनतेरस के दिन बड़ा हादसा, तेज रफ्तार ट्रक ने ली दो लोगों की जान
- बिहार के समस्तीपुर में भीषण हादसा: स्कॉर्पियो मंदिर से टकराई, दो लोग गंभीर रूप से घायल
- पटना का राजेंद्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र रोग अस्पताल अब होगा प्राइवेट, जानिए वजह
- बिहार न्यूज़: स्कूल के टूर में शराब, अश्लील गाने और छेड़खानी से मचा बवाल, शिक्षकों के खिलाफ गुस्सा फूटा