पटना – मशहूर शिक्षक खान सर और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा के बीच गुरुवार देर रात हुई मुलाकात ने बिहार की राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी है। यह बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली, जिसमें बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और खान सर की जदयू में संभावित भूमिका पर बातचीत हुई।
नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद से शुरू हुई चर्चा
खान सर और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच 25 अक्टूबर को हुई मुलाकात के बाद से ही उनके जदयू में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, तब खान सर ने राजनीति में कदम रखने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब जदयू के रणनीतिकार मनीष वर्मा के साथ उनकी मुलाकात के बाद इस चर्चा को और बल मिला है। माना जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी में उनकी संभावित जिम्मेदारी पर विचार किया गया।
जदयू के लिए अहम हो सकते हैं खान सर
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खान सर छात्रों और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उनके ऑफलाइन और ऑनलाइन क्लासेस लाखों छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी फॉलोइंग भी लाखों में है।
जदयू का मानना है कि खान सर को पार्टी में शामिल करके युवा वोटरों को बड़ी संख्या में साधा जा सकता है। पार्टी को उम्मीद है कि वे छात्रों और युवा वर्ग को पार्टी के साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मुलाकात के मायने
खान सर की यह मुलाकात सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट मानी जाए या इसके पीछे राजनीतिक रणनीति छिपी हो, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर खान सर जदयू में शामिल होते हैं, तो उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
क्या राजनीति में कदम रखेंगे खान सर?
अब सवाल यह है कि क्या खान सर अपने शिक्षा के क्षेत्र से राजनीति में कदम रखेंगे। अगर ऐसा होता है, तो बिहार की राजनीति में यह एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
बिहार की राजनीति में खान सर की यह एंट्री अगर होती है, तो यह जदयू के लिए एक बड़ा राजनीतिक दांव हो सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अटकलें हकीकत में बदलती हैं या नहीं।
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