Motihari News: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी से एक शानदार खबर सामने आई है। जहां मोतिहारी के गढ़वा खजुरिया गांव में करीब 80 युवक-युवतियों ने सरकारी शिक्षक बनकर एक मिसाल कायम की है। इस गांव का नाम अब सरकारी नौकरी पाने वाले गांव के रूप में चर्चित हो गया है।
गांव में सरकारी नौकरी की बहार
गढ़वा खजुरिया गांव, जो अल्पसंख्यक समुदाय का एक हिस्सा है, में युवाओं को सरकारी नौकरी मिलने की झड़ी लग गई है। गांव के कलीमुल्लाह (ब्लू बंडी) बताते हैं कि उनके बेटे और बेटी दोनों को सरकारी शिक्षक की नौकरी मिल चुकी है। इस गांव के लगभग 80 युवक-युवतियां सरकारी शिक्षक बन चुके हैं, जिससे गांव में शिक्षा और रोजगार का माहौल बन गया है।
पढ़ाई में बढ़ी ललक
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गांव के डॉक्टर अशरफ अली का कहना है कि सरकारी नौकरी के इस अवसर से पूरे गांव में पढ़ाई का माहौल और उत्साह बढ़ा है। उन्होंने बताया कि इससे बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता और ललक भी पैदा हो रही है। अब गांव में नए घर बन रहे हैं, और सरकारी नौकरी प्राप्त करने की दिशा में और लोग प्रेरित हो रहे हैं।
दुकानदारों की आमदनी में इजाफा
सरकारी नौकरी मिलने के बाद, गांव में आर्थिक गतिविधियाँ भी तेज़ हो गई हैं। गांव के दुकानदारों की आमदनी बढ़ गई है और नए-नए घरों का निर्माण भी हो रहा है। इससे स्थानीय व्यवसाय को भी बढ़ावा मिल रहा है।
इसे भी पढ़ेसकारात्मक बदलाव का प्रतीक
मोतिहारी के गढ़वा खजुरिया गांव ने यह साबित कर दिया है कि अगर सरकारी योजनाएं और अवसर सही तरीके से लागू हों, तो समाज में रोजगार, शिक्षा और आर्थिक गतिविधियों में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। नीतीश सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार देने के इस कदम से गांव के माहौल में सकारात्मक परिवर्तन आया है, जिससे अब अन्य युवाओं को भी शिक्षा की ओर कदम बढ़ाने का प्रोत्साहन मिल रहा है।
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