Bihar News: बिहार में सरकारी स्तर पर धान की खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सरकार के निर्देश के अनुसार, सिर्फ निबंधित किसान से ही धान की खरीद की जा रही है, जिससे व्यापारियों और बिचौलियों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। धान के एवज में किसानों को पीएफएमएस के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है, जिससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ रही है। हालांकि, कई जिलों में खरीद की गति धीमी रही है, जबकि कुछ जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
कौन सा जिला आगे और कौन सा पीछे?
सुपौल जिले ने इस धान खरीद में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां सबसे अधिक किसान धान बेचने पहुंचे हैं। वहीं, लखीसराय सबसे पीछे रहा है, जहां बहुत कम किसान धान बेचने आए। सीतामढ़ी जिले के किसान तीसरे स्थान पर हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि कुछ जिलों में किसान अपनी धान की फसल क्रय केंद्रों तक लाने में सक्रिय हैं, जबकि अन्य जिलों में यह प्रक्रिया अपेक्षित गति से नहीं चल रही है।
धान की कीमत और अन्य विशेषताएँ
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सूबे के उत्तर बिहार में 1 नवंबर से धान की खरीद शुरू हो चुकी है, और यह 15 फरवरी तक चलेगी। विभाग ने साधारण धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत निर्धारित की है। दक्षिण बिहार में 15 नवंबर से खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई, जो 15 फरवरी तक चलेगी। इस साल, पिछले साल की तुलना में धान की कीमतें बढ़ी हैं।
सिर्फ निबंधित किसानों से खरीद
सरकार ने स्पष्ट किया है कि केवल निबंधित किसान से ही धान की खरीद की जाएगी और व्यापारी/बिचौलियों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा। इसके अलावा, खरीद के बाद पैक्स और व्यापार मंडल को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराना होगा। यह चावल एसएफसी के संग्रहण केंद्र तक भेजने की जिम्मेदारी भी इन्हीं संस्थाओं की होगी।
बायोमेट्रिक सत्यापन और भुगतान
धान की खरीद से पहले किसानों का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा। रैयती किसानों को अधिकतम 250 क्विंटल और गैर-रैयती किसानों को अधिकतम 100 क्विंटल धान बेचने की अनुमति होगी। साथ ही, क्रय के 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान किया जाएगा, ताकि कोई भी बकाया नहीं रहे।
किस जिले में कितनी धान हुई बिक्री
सुपौल जिले में सबसे अधिक 1347 किसानों ने धान बेचा, जबकि लखीसराय में केवल 21 किसान ही धान बेच पाए। अन्य जिलों में भी धान बिक्री की स्थिति में विभिन्न अंतर देखे गए हैं, जैसे कि सीतामढ़ी में 731, मधेपुरा में 650, और मुजफ्फरपुर में 368 किसान धान की बिक्री करने में सफल रहे।
यह रिपोर्ट 2 दिसंबर तक की है और दर्शाती है कि कुछ जिलों में सरकारी धान खरीद योजना की सफलता बढ़ रही है, जबकि कुछ जिलों में यह गति धीमी बनी हुई है।
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