बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन राज्य के किसानों के मुद्दे पर विपक्ष ने तीखा हमला किया। कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने डीएपी (डाय-एमोनियम फास्फेट) खाद की कमी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा। शकील अहमद ने सवाल उठाया कि आखिरकार केंद्र सरकार समयबद्ध तरीके से बिहार के किसानों को डीएपी क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है, जबकि यह खाद फसल उत्पादन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
कृषि मंत्री का जवाब: कोई कमी नहीं होगी
इस पर कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने स्पष्ट किया कि राज्य में डीएपी की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि बिहार को 1.75 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है, जबकि वर्तमान में 1.34 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले एक सप्ताह में केंद्र से 10,000 मीट्रिक टन डीएपी की और आपूर्ति होने वाली है। मंत्री ने यह भरोसा भी दिलाया कि 15 दिसंबर तक राज्य को 100% डीएपी उपलब्ध हो जाएगा।
मुख्यमंत्री की चिंता और केंद्र से संपर्क
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मंगल पांडेय ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद किसानों की समस्याओं को लेकर चिंतित रहते हैं और इस विषय पर केंद्र सरकार से लगातार संपर्क बनाए रखते हैं। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य में खाद की कोई कमी नहीं होगी और डीएपी की पूरी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
विपक्ष का आक्रामक रुख
वहीं, कांग्रेस के शकील अहमद ने सरकार से मांग की कि डीएपी की आपूर्ति में कोई और देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सदन में जोर देकर कहा कि राज्य के किसानों को समय पर खाद मिलनी चाहिए, ताकि उनकी फसलें सही समय पर हो सकें और उनके परिवार का भरण-पोषण भी सुचारु रूप से चलता रहे।
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