Samastipur E-rickshaw Suicide Case: रक्षाबंधन के मौके पर समस्तीपुर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मथुरापुर थाना क्षेत्र में रहने वाले ई-रिक्शा चालक ने शनिवार देर शाम फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि घटना के समय उसकी पत्नी मायके गई हुई थी और वह घर में अकेला था। यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।
Samastipur E-rickshaw Suicide Case: परिवार से दूर रहने की मजबूरी और मानसिक दबाव

स्थानीय लोगों के अनुसार, कमल राम लंबे समय से ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता था। बताया जा रहा है कि वह नशे का भी आदी था, जिससे उसका मानसिक तनाव और बढ़ गया था। घटना के समय उसकी पत्नी और बच्चा घर पर मौजूद नहीं थे, क्योंकि रक्षाबंधन पर मायके गई थी पत्नी। इस वजह से वह कई दिनों से अकेला रह रहा था। विशेषज्ञ मानते हैं कि त्यौहारों के दौरान अकेलापन और पारिवारिक दूरी कई बार मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकती है।
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आज के दौर में "mental health awareness", "stress management", और "depression signs" जैसे विषय समाज में तेजी से चर्चा में हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी एक बड़ी समस्या है। इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि किस तरह मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
समाज और पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

घटना के बाद आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस और परिजनों को सूचना दी। मृतक का शव जब्त कर सदर अस्पताल भेजा गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। मथुरापुर थाना अध्यक्ष ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला पारिवारिक कारणों से आत्महत्या का प्रतीत होता है।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में केवल पुलिस कार्रवाई ही काफी नहीं है। समाज को भी ऐसे व्यक्तियों की मदद के लिए आगे आना होगा जो आर्थिक या मानसिक तनाव में जी रहे हैं। "suicide prevention helpline", "community support", और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल जैसे उपाय अपनाना बेहद जरूरी हो गया है।
समस्तीपुर और आसपास के इलाकों में ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं, जहां आर्थिक कठिनाइयों और पारिवारिक तनाव के कारण लोग आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठन मिलकर जागरूकता अभियान चलाएं।
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