बिहार पुलिस ने हाल के दिनों में अपने त्वरित रेस्पॉन्स और प्रभावी कार्रवाई के जरिए जनता का विश्वास जीत लिया है। उनका रेस्पॉन्स टाइम इतना तेज हो गया है कि जिस गति से पिज्जा डिलीवरी नहीं होती, उस से पहले पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जाती है। आपात स्थितियों में पुलिस की यह तत्परता बिहार की कानून-व्यवस्था में सुधार का संकेत है।
5 मिनट में घटनास्थल पर पुलिस की मौजूदगी
बिहार पुलिस की डायल 112 सेवा आपातकालीन स्थितियों में आम लोगों का सहारा बन चुकी है। दिसंबर में हुई कुछ घटनाओं ने पुलिस की तत्परता को साबित किया। वैशाली जिले में दो मालवाहक वाहनों की टक्कर की सूचना पर 5 मिनट में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और घायल ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाया। इसी तरह पूर्वी चंपारण जिले में पुलिस ने घायल व्यक्तियों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई।
महिलाओं के लिए 'सुरक्षित सफर' सुविधा
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15 सितंबर से पूरे राज्य में महिलाओं के लिए 24X7 'सुरक्षित सफर सुविधा' लागू की गई है। इस सुविधा के तहत महिलाएं यात्रा के दौरान 112 पर कॉल कर मदद मांग सकती हैं। यह सेवा राज्यभर में महिलाओं के बीच सुरक्षा का एक बड़ा जरिया बन गई है।
मारपीट और चोरी मामलों में त्वरित कार्रवाई
डायल 112 टीम सड़क दुर्घटनाओं के साथ-साथ मारपीट और चोरी के मामलों में भी तेजी से कार्रवाई कर रही है। पूर्वी चंपारण के पिपरा थाना क्षेत्र में मारपीट की सूचना मिलने पर 7 मिनट में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली। शेखपुरा में ई-रिक्शा चोरी की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रिक्शा बरामद किया और मालिक को सौंपा।
गुमशुदा बच्चों की बरामदगी
गुमशुदा बच्चों को बरामद करने के मामलों में बिहार पुलिस का योगदान सराहनीय है। हाल ही में जहानाबाद और पटना में गुम हुए बच्चों को पुलिस ने 30 मिनट के भीतर बरामद कर परिजनों को सौंपा। इस तरह की कार्रवाई से न केवल परिवारों की मुस्कान लौटी, बल्कि पुलिस पर जनता का भरोसा भी बढ़ा।
इसे भी पढ़ेसोशल मीडिया पर प्रभावी निगरानी
बिहार पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी सक्रिय है। पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर से राज्यभर की घटनाओं पर चौबीसों घंटे निगरानी की जाती है। भ्रामक पोस्टों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 400 से अधिक संदिग्ध अकाउंट बंद करवाए गए हैं। सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस के 14 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो इसे राज्य का सबसे लोकप्रिय सरकारी विभाग बनाते हैं।
पुलिस महानिदेशक की पहल
राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस महानिदेशक विनय कुमार स्वयं रात-रात भर पुलिस थानों का निरीक्षण कर रहे हैं। उनका यह प्रयास पूरे पुलिस विभाग को प्रेरित कर रहा है।
भविष्य की योजनाएं
पिछले दो वर्षों में डायल 112 ने 20 लाख से अधिक लोगों को सेवाएं दी हैं। इस वर्ष 15 लाख लोगों की मदद का लक्ष्य रखा गया है, जबकि अगले वर्ष यह आंकड़ा 18-20 लाख तक पहुंचाने का प्रयास है।
निष्कर्ष
बिहार पुलिस अपने तेज रेस्पॉन्स और नागरिक सहायता में नए मानदंड स्थापित कर रही है। चाहे सड़क हादसा हो, चोरी हो, मारपीट हो, या गुमशुदगी का मामला—पुलिस की तत्परता हर स्थिति में भरोसेमंद साबित हो रही है। यही कारण है कि आज बिहार पुलिस जनता की नजरों में एक 'हेल्पिंग हैंड' बन चुकी है।
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