नीतीश सरकार बिहार में हल्दी में मिलाए जा रहे खतरनाक केमिकल लेड क्रोमेट (Lead Chromate) पर सख्ती दिखाने जा रही है। जल्द ही लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इस कदम के जरिए सरकार रसोई के अनिवार्य मसाले हल्दी की शुद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना चाहती है।
क्या है लेड क्रोमेट और क्यों है यह खतरनाक?
लेड क्रोमेट एक जहरीला रसायन है, जिसे हल्दी का रंग अधिक गहरा और चमकीला बनाने के लिए मिलाया जाता है। यह रसायन मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है और कैंसर, किडनी फेल्योर, लिवर डैमेज जैसे गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
बिहार सरकार का सख्त रुख
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पटना और भोजपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने जानकारी दी है कि लेड क्रोमेट से रंगी हल्दी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव खाद्य संरक्षा आयुक्त के पास भेजा गया है। प्रस्ताव पारित होने के बाद, यदि किसी नमूने में लेड क्रोमेट पाया जाता है, तो संबंधित व्यापारी के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई होगी और मिलावटी हल्दी को नष्ट कर दिया जाएगा।
एफएसएसएआई की गाइडलाइन्स
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने खाद्य सामग्रियों में लेड क्रोमेट की मिलावट को गैरकानूनी और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घोषित किया है। बावजूद इसके, कई व्यापारी इस जहरीले रसायन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
मिलावट रोकने में क्या हैं चुनौतियां?
- कानूनी पेचिदगियां:
मिलावटी हल्दी बेचने वाले व्यापारी अक्सर लैब रिपोर्ट को चुनौती देते हैं और कानूनी प्रक्रिया में खामियों का फायदा उठाते हैं। - पदाधिकारियों और संसाधनों की कमी:
खाद्य संरक्षा विभाग के पास पर्याप्त अधिकारी और संसाधन न होने के कारण दोषियों को सजा दिलाने में देरी होती है। - जागरूकता की कमी:
ग्राहकों को लेड क्रोमेट की पहचान और इसके खतरों के बारे में जानकारी का अभाव है।
कैसे होगी कार्रवाई?
- मिलावटी हल्दी की पुष्टि होने पर खाद्य संरक्षा अधिकारी नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजेंगे।
- रिपोर्ट असुरक्षित पाए जाने पर संबंधित व्यापारी के खिलाफ विशेष कोर्ट में मामला दर्ज किया जाएगा।
- दोषी पाए जाने पर हल्दी को नष्ट किया जाएगा और व्यापारी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जनता के लिए चेतावनी और उपाय
ग्राहकों को हल्दी खरीदते समय सतर्क रहना चाहिए। हल्दी के रंग, गंध और गुणवत्ता की जांच करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर प्रमाणित और ब्रांडेड उत्पादों को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
बिहार सरकार का यह कदम जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण है। मिलावट के खिलाफ सख्त कार्रवाई न केवल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी, बल्कि जनसाधारण को गंभीर बीमारियों से बचाने में भी सहायक होगी। उम्मीद है कि सरकार का यह निर्णय मिलावटखोरों पर नकेल कसने में सफल रहेगा।
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