पटना: बिहार के किसानों को डीजल पर अनुदान से जुड़ी बकाया राशि जल्द मिलने की उम्मीद है। राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने सोमवार को पटना स्थित कृषि भवन में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि बकाया राशि का भुगतान 15 दिनों के भीतर किया जाए। यह कदम किसानों की समस्याओं को दूर करने और राज्य में कृषि को प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाया गया है।
कृषि योजनाओं की समीक्षा पर जोर
बैठक में राज्य में चल रही कई प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की गई। इनमें परंपरागत कृषि विकास योजना, मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना, बीज ग्राम योजना, और दलहन फसल प्रोत्साहन योजना जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। मंत्री ने अधिकारियों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने और किसानों तक सुविधाएं शीघ्र पहुंचाने का निर्देश दिया।
जैविक खेती और मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर फोकस
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मंगल पांडेय ने जैविक खेती को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लक्ष्यों को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ बनाने और कृषि योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रभावी प्रचार-प्रसार का आह्वान किया।
कृषि यंत्रों का आवंटन और तकनीकी उन्नयन
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति लाने की जरूरत है। खेतों में ड्रोन तकनीक के माध्यम से दवाओं के छिड़काव को बढ़ावा देने और किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने पर भी जोर दिया गया।
किसानों की आर्थिक मजबूती पर ध्यान
मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। डबल इंजन की सरकार किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए उनके हित में काम कर रही है। पौधा संरक्षण परामर्श और अन्य योजनाओं के माध्यम से खेती के उन्नत तरीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कृषि विश्वविद्यालय के विकास कार्यों की समीक्षा
बैठक में भागलपुर के सबौर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के कार्यालय भवनों को सड़क से जोड़ने की परियोजना की भी चर्चा हुई। मंत्री ने इस परियोजना को मार्च 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया।
ई-किसान भवन और अन्य सेवाओं में सुधार
कृषि विभाग के तहत ई-किसान भवन के कर्मचारियों के वेतन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और किसानों को योजनाओं की जानकारी पुस्तकों के माध्यम से उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए।
निष्कर्ष:
बिहार सरकार का यह कदम राज्य के किसानों के लिए राहत लेकर आ सकता है। डीजल अनुदान के बकाया भुगतान और कृषि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से किसानों को उनकी जरूरतों के अनुसार सहायता मिलने की उम्मीद है। सरकार का फोकस आधुनिक तकनीक और योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने पर है, जो राज्य में कृषि क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है।
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