पटना के 48 शिक्षकों पर नकली सर्टिफिकेट का आरोप, 17 प्रखंडों में चल रही जांच

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पटना: बिहार की राजधानी पटना और उसके आसपास के 17 प्रखंडों में 48 शिक्षकों के नकली प्रमाण पत्र होने का मामला सामने आया है। ये शिक्षक 2024 की सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके थे, लेकिन उनके BTET, CTET और STET सर्टिफिकेट्स में गड़बड़ी पाई गई। जांच में यह खुलासा हुआ कि कई शिक्षकों के प्रमाण पत्रों में एक ही अनुक्रमांक दो अलग-अलग लोगों के नाम पर दर्ज हैं। इस गंभीर मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) संजय कुमार ने सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

सभी प्रमाण पत्रों की होगी सख्त जांच:

DEO संजय कुमार ने कहा कि इन शिक्षकों द्वारा दिए गए प्रमाण पत्रों की गहन जांच की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन शिक्षकों के दस्तावेज संदिग्ध हैं, उनसे प्रमाण पत्र मांगे गए हैं और इसकी सटीकता सुनिश्चित की जाएगी। इस जांच के बाद ही दोषियों पर कार्रवाई होगी।

17 प्रखंडों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी:

पटना जिले के 17 प्रखंडों में यह गड़बड़ी पाई गई है। इनमें बख्तियारपुर, मसौढ़ी और धनरुआ प्रखंडों से सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, जहां प्रत्येक प्रखंड में 6-6 शिक्षक नकली सर्टिफिकेट के साथ पकड़े गए हैं।

इस घटना ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है और नकली प्रमाण पत्रों पर बहाली की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और शिक्षा विभाग अब इस दिशा में सख्त कदम उठाते हुए दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

निष्कर्ष:

पटना के इन 48 शिक्षकों पर लगे नकली प्रमाण पत्र के आरोप ने शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए जांच शुरू कर दी है और दोषी पाए जाने पर इन शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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