बिहार सरकार और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के बीच हुए एक समझौते के तहत राज्य में पांच नए स्वचालित ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट ट्रैक (ADTT) बनाए जाएंगे। यह पहल सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और ड्राइविंग कौशल को सुधारने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
समझौते की मुख्य बातें
- समझौता ज्ञापन (MoA):
राज्य परिवहन आयुक्त नवीन कुमार और मारुति सुजुकी के सीएसआर उपाध्यक्ष तरुण अग्रवाल ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। - मौजूदगी:
इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री शीला कुमारी और सचिव संजय कुमार अग्रवाल भी शामिल थे।
स्वचालित टेस्ट ट्रैक का उद्देश्य
मारुति सुजुकी के स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ कुशल और जिम्मेदार चालकों को ही ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाए। परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि यह पहल सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
पांच नए टेस्ट ट्रैक कहां बनेंगे?
- पूर्णिया
- गया
- सारण
- भागलपुर
- दरभंगा
सड़क सुरक्षा में सुधार के प्रयास
- पहले के प्रोजेक्ट्स:
2018 में मारुति सुजुकी ने औरंगाबाद और पटना में ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक और इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च (IDTR) की स्थापना की थी। - नई पहल:
पांच नए टेस्ट ट्रैक के निर्माण के बाद, भारत में मारुति सुजुकी के कुल स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की संख्या 44 हो जाएगी।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े
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मारुति सुजुकी के अधिकारी राहुल भारती ने बताया कि 2014 से 2023 के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 15.3 लाख लोगों की जान गई है। भारत में सड़क मृत्यु दर अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबले कहीं अधिक है।
- भारत: 250 प्रति 10,000 किमी।
- चीन: 119 प्रति 10,000 किमी।
- अमेरिका: 57 प्रति 10,000 किमी।
- ऑस्ट्रेलिया: 11 प्रति 10,000 किमी।
कैसे मदद करेंगे स्वचालित टेस्ट ट्रैक?
- बेहतर ड्राइविंग कौशल:
प्रशिक्षित और कुशल ड्राइवरों को ही लाइसेंस मिलेगा। - दुर्घटनाओं में कमी:
मानवीय भूल के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा। - सटीक और पारदर्शी प्रक्रिया:
स्वचालित प्रक्रिया से ट्रैक पर चालक की योग्यता का सही आकलन होगा।
समस्तीपुर न्यूज़ का नज़रिया
सड़क सुरक्षा को लेकर यह कदम बेहद सराहनीय है। मारुति सुजुकी और बिहार सरकार की यह पहल राज्य के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकती है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी और सुरक्षित ड्राइविंग की दिशा में बड़ा योगदान होगा।
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