नोएडा का जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब पूरी तरह से व्यावसायिक सेवाओं के लिए तैयार हो चुका है, और सोमवार को यहां इंडिगो का पहला विमान उतरा। इस एयरपोर्ट के आने के बाद दिल्ली और मुंबई के प्रमुख एयरपोर्ट्स से इसकी तुलना शुरू हो गई है। तो आइए जानते हैं, यह जेवर एयरपोर्ट दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) और मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) से कितना अलग है।
एयरपोर्ट का आकार और स्थिति
Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट 5,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है और यह दिल्ली के IGI से लगभग 72 किलोमीटर दूर स्थित है। यह उत्तर प्रदेश का पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट है और इसे एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट बनने का लक्ष्य रखा गया है।
रनवे और उनकी क्षमता
दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर 4 रनवे हैं, जबकि मुंबई के CSMIA में 2 रनवे हैं। वहीं, जेवर एयरपोर्ट में 6 रनवे होंगे, जो इसे और भी ज्यादा उड़ान क्षमता प्रदान करेंगे। जेवर के रनवे की लंबाई 3.9 किलोमीटर है, जो मुंबई और दिल्ली के रनवे से थोड़ा छोटा है, लेकिन यह एयरपोर्ट के लिए बहुत ही उपयुक्त है।
पैसेंजर क्षमता
दिल्ली IGI एयरपोर्ट की सालाना पैसेंजर कैपेसिटी 4.5 करोड़ है, जबकि मुंबई CSMIA की क्षमता 5 करोड़ है। जेवर एयरपोर्ट की शुरूआत में सालाना पैसेंजर क्षमता 1.2 करोड़ रखी गई है, लेकिन इसके विकास के साथ यह संख्या भविष्य में बढ़ने की उम्मीद है।
टर्मिनल और सेवाएं
दिल्ली IGI एयरपोर्ट में 3 टर्मिनल हैं, जबकि मुंबई CSMIA में 2 टर्मिनल हैं। जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण में एक टर्मिनल और रनवे होगा, जिसकी क्षमता 12 लाख पैसेंजर होगी। अगले फेज में एक और टर्मिनल और रनवे का निर्माण होगा, और फिर पैसेंजर क्षमता बढ़कर 30 लाख हो जाएगी। फाइनल फेज में टर्मिनल और रनवे की संख्या और बढ़ेगी, और इसकी पैसेंजर क्षमता 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
कनेक्टिविटी
जेवर एयरपोर्ट यमुना एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ा हुआ है, जिससे दिल्ली-NCR और पश्चिम यूपी के शहरों से एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान होगा। यहां के यात्रियों के लिए बस और शटल सेवा के अलावा, एक रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के जरिए रेल कनेक्टिविटी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
जेवर एयरपोर्ट दिल्ली और मुंबई के एयरपोर्ट्स से कई मायनों में अलग है, खासकर इसके रनवे, कनेक्टिविटी और पैसेंजर क्षमता के मामले में। भविष्य में यहां की सुविधाएं और सेवाएं बढ़ने के बाद यह एयरपोर्ट न केवल दिल्ली और मुंबई के एयरपोर्ट्स से टक्कर लेगा, बल्कि एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में भी विकसित होगा।
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