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दरभंगा न्यूज़ / रात को तटबंध टूटने से आई बाढ़: लोग पानी में डूबते देख भागते रहे, दरभंगा की बाढ़ की कहानी

रात को तटबंध टूटने से आई बाढ़: लोग पानी में डूबते देख भागते रहे, दरभंगा की बाढ़ की कहानी

Reported by: Ground Repoter | Written by: Ritu Sharma | Agency: SN Media Network
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दरभंगा में बाढ़ का कहर: तटबंध टूटने से स्थिति बिगड़ी

रात को जैसे ही तटबंध टूटा, पानी तेजी से गांव में आया। लोग चिल्लाते हुए भागने लगे। दरभंगा के कुशेश्वर स्थान पूर्वी प्रखंड के बाढ़ पीड़ितों की दास्तान ने यह साबित कर दिया कि बाढ़ के समय में किस तरह लोगों को संकट का सामना करना पड़ता है। "रात में सो रहे थे, तभी बिस्तर पर पानी आ गया। नींद खुली तो देखा पूरा घर पानी से भरा हुआ है। फिर क्या करें, जो सामान हाथ में आया, वह लेकर कमर भर पानी में गुजरते हुए बांध तक पहुंचे। दो दिन से बच्चे भूखे हैं। ना घर बचा, ना खाने का सामान," ये दर्द भरे शब्द हैं दरभंगा के कुशेश्वर स्थान पूर्वी प्रखंड के एक बाढ़ पीड़ित के।

सोमवार की रात करीब 3 बजे कमला बलान का पूर्वी तटबंध टूट गया, जिसके बाद दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी में डूब गए। साथ ही, कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से सुपौल और सहरसा के कई गांवों में पानी घुस गया है। लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं।

बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा

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मंगलवार को दैनिक भास्कर की टीम दरभंगा के कुशेश्वर स्थान पूर्वी प्रखंड, सुपौल और सहरसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची। दरभंगा में नाव पर बैठी गोभी देवी और उनकी बेटी का सामना हुआ, जो पानी में डूबे घर की ओर जा रही थीं। गोभी देवी ने बताया, "रात में गांव के लोग सोए नहीं थे। तटबंध टूटा तो तेजी से गांव में पानी घुसने लगा। लोग पानी आया, पानी आया चिल्लाते हुए भागने लगे।"

बाढ़ पीड़ितों की वास्तविकता

कमला बलान का तटबंध टूटने से ईटहर, लक्ष्मीनिया, चौकिया, बसवरिया, समोर, उसरी, बलथरवा, जिमराहा, विगुनिया और आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। गोभी देवी कहती हैं, "पानी में डूबे घरों से अनाज निकालने जा रहे हैं।" इन गांवों में फंसे लोगों को NDRF की टीम रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है।

अफरा-तफरी का माहौल

ईटहर गांव के दिगंबर राय ने बताया कि "रात 9 बजे से कोसी का पानी तटबंध के कई स्थानों से ओवरफ्लो होने लगा था। ग्रामीण मिट्टी रखकर तटबंध को बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तटबंध टूट गया। इसके बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोग तटबंध के पूर्वी और पश्चिमी तट की ओर भागने लगे।"

भिंडुआ पंचायत की सुवितिया देवी ने बताया कि "दो दिन पहले बच्ची को जन्म दिया था। अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जा रहे थे, लेकिन गांव में पानी होने की वजह से बांध पर शरण ली है।"

बांध पर शरण लेने वाले पीड़ित

गोपी सदा ने बताया, "गोवराही और लक्ष्मीनिया गांव के 500 लोगों ने बांध पर शरण ली है। हम भूखे हैं। अब तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली है।" गोवराही गांव के चुन्नी लाल सदा ने कहा कि "गांव में पानी घुसने लगा तो हम सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। निजी नाव की मदद ली।"

सहरसा के बाढ़ पीड़ितों की दास्तान

भास्कर की टीम ने सहरसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र महिषी का दौरा किया, जहां लोग सहरसा-बलुआ एनएच पर शरण लिए हुए हैं। हमारी मुलाकात कोठिया पंचायत के सोहन सादा, सिकंदर सादा, मोहन सादा और अन्य से हुई। इन्होंने बताया कि रविवार की सुबह 7 बजे घर में गर्दन भर पानी आ गया।

भूखे-प्यासे जीवन

दिलीप सादा ने कहा, "घर और सामान छोड़कर सिर्फ मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंचे।" जयराम सादा ने बताया, "गांव में अचानक पानी घुसने लगा। किसी तरह महिलाओं-बच्चों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर लाए। लेकिन, कई मवेशी पानी में बह गए।"

राजेंद्र सादा ने कहा, "हमारी कई बकरियां डूबकर मर गई। परिवार के साथ कमर भर पानी में से किसी तरह बाहर निकले। मंगलवार को तीसरा दिन है, लेकिन कोई मदद नहीं मिली है।"

सुपौल में बाढ़ से प्रभावित लोग

सुपौल में लगभग 3.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। जिले के 6 प्रखंड बसंतपुर, निर्मली, मरौना, सरायगढ़-भपटियाही, किसनपुर और सदर में बाढ़ का पानी फैल गया है। तुलसियाही गांव के बबलू कुमार ने कहा, "बाढ़ से मची तबाही हम झेल रहे हैं। हमने मेहनत से खेती की थी, अब सब बर्बाद हो गया।" जदयू विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और पीड़ितों के लिए सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही।

इन सभी पीड़ितों की दास्तान सुनकर यह स्पष्ट होता है कि बाढ़ ने किस तरह लोगों का जीवन प्रभावित किया है और उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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Ritu Sharma
Ritu Sharma

Ritu Sharma is an experienced news editor with over a decade in journalism, currently leading editorial efforts at SamastipurNews.in. Renowned for her commitment to journalistic integrity and precision, Ritu has developed a reputation for curating insightful, unbiased news content that resonates with readers. She holds a Master’s degree in Journalism and Mass Communication, equipping her with deep expertise in media ethics and storytelling. ...और पढ़ें


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First Published : October 2, 2024, 03:50 PM IST

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