Bihar News: बिहार के बगहा में गंडक नदी में एक दर्दनाक हादसा हुआ है, जिसमें ग्रामीणों से भरी नाव पलट गई। यह घटना बेतिया जिले के पटखौली थाना क्षेत्र के नारायणापुर घाट के पास हुई, जहां कई लोग खेती-किसानी के काम से दियारा क्षेत्र जा रहे थे। बताया जा रहा है कि गंडक नदी में घने कोहरे के कारण नाव का संतुलन बिगड़ गया और यह पुराने पुल से टकराकर पलट गई। नाव पलटते ही नदी में चीख-पुकार मच गई, और स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। घटना के बाद से डूबे लोगों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
घटना का कारण: गंडक नदी में घना कोहरा
बगहा के नारायणापुर घाट से निकलते समय गंडक नदी में घना कोहरा छाया हुआ था, जिससे नाविक को रास्ता स्पष्ट दिखाई नहीं दिया। इस दौरान नाव अनियंत्रित हो गई और पुल के खंभे से टकराकर पलट गई। यह घटना इतनी अचानक हुई कि नाव पर सवार लोग संभल भी नहीं सके। नाव पलटते ही नदी में चीख-पुकार मच गई, और आसपास के ग्रामीणों ने तुरंत मदद के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया।
ग्रामीणों की मदद से शुरू हुआ रेस्क्यू अभियान
संबंधित आर्टिकल्स
Bihar Election 2025: VIP को मिली 15 सीटें तेजस्वी यादव ने छोड़ी गौरा बौराम! बिहार में बदल गया सियासी समीकरण
Bihar Election 2025: योगी आदित्यनाथ का बिहार में बड़ा बयान ‘विकास बनाम बुर्के’ की शरारत कौन कर रहा है?
BJP Candidates Second List 2025: बिहार चुनाव में BJP ने जारी की दूसरी सूची, मैथिली ठाकुर और आनंद मिश्रा को मिला टिकट
Bihar Election 2025: BJP को बड़ा झटका! छपरा की राखी गुप्ता ने किया बगावत का ऐलान!
Bihar Election 2025: मैथिली ठाकुर ने चुनाव लड़ने की अटकलों पर तोड़ी चुप्पी, जानें क्या कहा
Bihar Election 2025: NDA में सीट शेयरिंग पर मांझी के बदलते बयान ने मचाया सियासी हलचल
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग और गोताखोर मौके पर पहुंचे और नदी में डूबे लोगों की तलाश में जुट गए। "Bihar News" के अनुसार, लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर नदी में डूबे लोगों को बचाने की कोशिश की। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने रेस्क्यू टीम को घटनास्थल पर भेजा। वहीं, एसडीआरएफ की टीम भी तुरंत मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गई।
किसानी के लिए जा रहे थे ग्रामीण
गंडक नदी को पार कर ग्रामीण दियारा क्षेत्र में खेती-किसानी के काम से जा रहे थे। बिहार के बेतिया क्षेत्र में नदी के किनारे बसे लोग अक्सर इस तरह के सफर करते हैं, लेकिन इस बार घने कोहरे और तेज धारा के चलते यह हादसा हो गया। नाव पर अधिक लोग सवार होने और कोहरे की वजह से संतुलन बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है। गंडक की तेज धार ने स्थिति को और भी अधिक कठिन बना दिया, जिससे नाव का संतुलन बिगड़ गया और हादसा हो गया।
इसे भी पढ़ेSDRF टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और "एसडीआरएफ" की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के सहयोग से नदी में डूबे लोगों की तलाश शुरू कर दी है। डूबे लोगों के परिजनों में भारी हाहाकार मचा हुआ है। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई है, और रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान लोगों की उम्मीदें बनी हुई हैं कि उनके प्रियजन सुरक्षित मिल जाएं।
ग्रामीणों का आक्रोश और दर्द
हादसे के बाद गांव में मातम का माहौल है। डूबे लोगों के परिजन गहरे सदमे में हैं और उनका रो-रो कर बुरा हाल है। घटना की भयावहता को देखकर वहां जुटी भीड़ में भी खलबली मच गई। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन परिजनों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में अक्सर नाव यात्रा की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता है, और प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
बिहार में नाव दुर्घटनाओं का बढ़ता संकट
Bihar News के अनुसार, बिहार के कई नदी क्षेत्रों में इस तरह की नाव दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, खासकर सर्दियों के मौसम में जब कोहरा घना होता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी पार करने के लिए नाव का इस्तेमाल करना उनकी मजबूरी है, लेकिन सुरक्षा इंतजामों की कमी होने से हर बार दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। प्रशासन से मांग है कि इस क्षेत्र में नियमित सुरक्षा इंतजाम किए जाएं और नावों पर सवारियों की संख्या सीमित की जाए।
सरकार से सुरक्षा उपायों की मांग
इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार से बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग की है। उनका कहना है कि गंडक नदी जैसे बड़े जल क्षेत्रों में नावों की नियमित जांच होनी चाहिए और नाविकों को कोहरे के समय विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। इसके अलावा, नाव यात्राओं के दौरान लाइफ जैकेट और अन्य सुरक्षा उपकरणों का प्रबंध भी होना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके।
यह हादसा बिहार के नदी किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों की कमी की ओर संकेत करता है। उम्मीद की जा रही है कि इस दुखद घटना के बाद प्रशासन नाव यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा और भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय करेगा।
इसे भी पढ़े :-