सासाराम: बिहार के रोहतास जिले में भूमि विवादों के समाधान को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी (DM) उदिता सिंह ने इस संबंध में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और 9 थानेदारों को शो-कॉज नोटिस जारी किया। यह कार्रवाई सासाराम स्थित समाहरणालय के संवाद भवन में आयोजित भू-विवाद समाधान बैठक के दौरान की गई। बैठक में रोहतास एसपी रौशन कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, एसडीपीओ और सभी थानेदार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
लापरवाही पर DM का सख्त रुख
बैठक के दौरान DM ने भू समाधान पोर्टल की मासिक प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा में पाया गया कि पिछले एक महीने में 9 थानों ने भू समाधान पोर्टल पर कोई एंट्री नहीं की थी। इनमें नटवार, कछवा, यदुनाथपुर, इंद्रपुरी, डालमियानगर, परसथुआ, अग्ररेर, सासाराम और दरीगांव थाने शामिल थे। इस पर DM ने नाराजगी जाहिर की और संबंधित थानेदारों को फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि कार्य में सुधार किया जाए, अन्यथा आगे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हर शनिवार होगा भूमि विवादों का समाधान
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DM उदिता सिंह ने आदेश दिया कि अब प्रत्येक शनिवार को भूमि विवादों से संबंधित बैठक आयोजित की जाएगी। इन बैठकों की कार्यवाही भू समाधान पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड करनी होगी। उन्होंने एसडीएम और एसडीपीओ को निर्देश दिया कि जिन थानों की एंट्री शून्य है, वहां विशेष रूप से बैठक कर कार्रवाई सुनिश्चित करें। साथ ही, बैठक की रिपोर्ट गृह विभाग, पटना को भी भेजने के निर्देश दिए गए।
भू समाधान पोर्टल का प्रभावी उपयोग
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को भू समाधान पोर्टल के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया। पोर्टल पर एंट्री न होने को लापरवाही का बड़ा उदाहरण मानते हुए उन्होंने थानों को अपनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और नियमितता सुनिश्चित करने के लिए कहा। DM ने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि विवादों के त्वरित समाधान के लिए यह एक अनिवार्य कदम है।
DM की चेतावनी: सुधार नहीं तो कार्रवाई
बैठक के अंत में DM ने सभी अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि कार्य में लापरवाही जारी रही, तो कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि भूमि विवादों का समय पर समाधान प्रशासन की प्राथमिकता है, और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रोहतास प्रशासन का यह कदम न केवल भूमि विवादों के समाधान में तेजी लाने का प्रयास है, बल्कि यह अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक अहम पहल है।
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