पटना, बिहार: सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) भर्ती परीक्षा में हुए बड़े फर्जीवाड़े ने बिहार के परीक्षा तंत्र की पोल खोल दी है। परीक्षा आयोजित कराने वाली पुणे की वी-साइन कंपनी द्वारा परीक्षा केंद्र संचालकों को बेचने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इस मामले में 46 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है और 9 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है।
मुख्य खुलासे
- परीक्षा केंद्रों की बिक्री:
- वी-साइन कंपनी ने परीक्षा केंद्रों को संचालकों से पैसे लेकर बेच दिया।
- 12 परीक्षा केंद्रों में बड़े पैमाने पर नकल कराई गई।
- लीज लाइन और लैपटॉप का इस्तेमाल:
- परीक्षा केंद्रों पर एक विशेष लीज लाइन से जुड़े लैपटॉप बरामद हुए।
- इन लैपटॉप्स के जरिए ऑनलाइन परीक्षार्थियों की मदद की जा रही थी।
- मुख्य आरोपी:
- वैशाली जिले के भाटंडीपुर गांव के विश्वजीत कुमार को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
- EOU ने कई परीक्षा केंद्रों को जांच के दायरे में लिया है।
- गिरफ्तारी:
- अब तक 9 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है।
- आशोपुर स्थित एकम इवॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड परीक्षा केंद्र के मालिक अमित कुमार को भी हिरासत में लिया गया है।
गिरफ्तार अभ्यर्थियों की सूची
- ऋषिराज कुमार
- रतिभान कुमार
- कुंदन कुमार
- गिरिश कुमार
- जुली कुमारी
- पूजा कुमार
- अर्चना कुमारी
- अंशु कुमारी
- निर्मला कुमारी
EOU की कार्रवाई
जांच की निगरानी EOU के डीएसपी वीर धीरेंद्र कुमार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह एक व्यापक नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। आगे और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
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