पटना और औरंगाबाद: बिहार में आत्महत्या की दो चौंकाने वाली घटनाओं ने मंगलवार को लोगों को झकझोर कर रख दिया। पटना में IGIMS के एक जूनियर डॉक्टर ने फंदे से झूलकर अपनी जान दे दी, जबकि औरंगाबाद में एक सिपाही ने जहर खाकर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली। इन दोनों मामलों ने राज्य में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता बढ़ा दी है।
पटना: जूनियर डॉक्टर की आत्महत्या
IGIMS (इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) के रेडियोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टर आर्यन कुमार (28 वर्ष) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आर्यन सहरसा जिले के रहने वाले थे और IGIMS में पीजी के प्रथम वर्ष के छात्र थे।
घटना का विवरण
- आर्यन ने पटना के राजा बाजार इलाके में किराए पर कमरा लिया था।
- सोमवार रात वे अपने शिवाजी नगर स्थित घर गए थे।
- मंगलवार सुबह उनके फोन कॉल का कोई जवाब नहीं मिलने पर किरायेदार और दोस्तों ने दरवाजा खोलने की कोशिश की।
- पुलिस को बुलाया गया, जिसने दरवाजा तोड़कर उन्हें फंदे से झूलते हुए पाया।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
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आर्यन के पिता बैंक से सेवानिवृत्त हैं, जबकि उनकी मां शिक्षिका हैं और सहरसा में कार्यरत हैं। आर्यन अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस उनका मोबाइल फोन खंगाल रही है।
औरंगाबाद: सिपाही की खुदकुशी
औरंगाबाद जिले में बिहार पुलिस के एक जवान गोविंद कृष्ण झा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। गोविंद मुंगेर जिले के महद्दीपुर गांव के निवासी थे और व्यवहार न्यायालय में तैनात थे।
घटना का विवरण
- गोविंद पुलिस लाइन के पास किराए के मकान में रहते थे।
- मंगलवार सुबह उन्होंने जहर खा लिया।
- गंभीर स्थिति में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर मगध मेडिकल कॉलेज, गया रेफर किया गया।
- इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
आत्महत्या का कारण
एसपी के मुताबिक, पारिवारिक विवाद इस आत्महत्या का प्रमुख कारण था। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
निष्कर्ष और चिंता
बिहार में इन दो घटनाओं ने आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉक्टर और पुलिसकर्मी जैसे पेशेवरों की आत्महत्या ने मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
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