पटना: बिहार में भूमि प्रबंधन को पारदर्शी और सुगम बनाने के उद्देश्य से, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राज्य के सभी भूमि दस्तावेजों को 31 दिसंबर 2024 तक ऑनलाइन करने का निर्देश दिया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को मुख्य सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया।
भू-अर्जन के काम में आ रही समस्याओं पर फोकस
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों को भूमि दस्तावेजों की स्कैनिंग और उन्हें ऑनलाइन अपलोड करने का कार्य प्राथमिकता से पूरा करने को कहा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि भू-अर्जन से संबंधित कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए। इसके लिए सभी जिलों को MIS (मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट देने का निर्देश दिया गया है।
एक पोर्टल पर मिलेगी सारी जानकारी
संबंधित आर्टिकल्स
Bihar politics Live Bihar Band: पीएम मोदी की मां को लेकर विवाद गहराया, 4 सितम्बर को एनडीए ने किया बंद का ऐलान
Bihar Chunav 2025 Live: बयानबाजी और भावनाओं की गर्मी, नेताओं की सख्त चेतावनी
Bihar News Today Live: राहुल गांधी का बड़ा आरोप और पूरे राज्य की ताज़ा खबरें
Tej Pratap Yadav: का बयान, भाई बीरेंद्र पर फिर साधा निशाना
Bihar Chunav 2025 Update: मनेर में तेज प्रताप यादव का शक्ति प्रदर्शन
Ranju Devi Rahul Gandhi Vote Theft Allegations: रंजू देवी के खुलासे से राहुल गांधी घिरे, ”वोट चोरी” विवाद पर जेपी नड्डा का वार
राज्यभर में चल रही परियोजनाओं और भूमि अर्जन से जुड़ी सभी जानकारी अब एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होगी। इससे अधिकारियों को अद्यतन जानकारी तुरंत मिल सकेगी। सिंह ने कहा कि वर्तमान में पोर्टल पर सिर्फ परियोजनाओं से संबंधित डेटा दर्ज किया जा रहा है, लेकिन अब इसके दायरे को और व्यापक किया जाएगा।
इसके अलावा, तकनीकी दिक्कतों को दूर करने और पोर्टल को अपग्रेड करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
जिलों को दिए जाएंगे दो-दो लैपटॉप
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रत्येक जिला भू-अर्जन कार्यालय को बेहतर कार्य संचालन के लिए दो-दो लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह वितरण कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही, विभाग ने जिला स्तर पर भू-अर्जन पदाधिकारियों की प्रगति की समीक्षा के लिए नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की है।
डेटा एंट्री ऑपरेटर की कमी होगी दूर
बैठक में एक अहम मुद्दा यह भी सामने आया कि जिला कार्यालयों में डेटा एंट्री ऑपरेटर की कमी के कारण काम प्रभावित हो रहा है। इस समस्या को हल करने के लिए बेल्ट्रॉन को पत्र लिखकर जल्द समाधान निकालने का निर्देश दिया गया है।
सरकार का उद्देश्य
इस पहल का उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड्स के डिजिटलीकरण के जरिए प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और नागरिकों के लिए सुलभ बनाना है। भूमि दस्तावेजों के ऑनलाइन होने से न केवल भू-अर्जन से जुड़े विवाद कम होंगे, बल्कि विकास परियोजनाओं में भी तेजी आएगी।
सरकार के इस कदम से बिहार के डिजिटल परिवर्तन के लक्ष्य को भी बल मिलेगा।
इसे भी पढ़े :-