बिहार के पटना शहर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां शेल्टर होम में खिचड़ी खाने से दो लड़कियों की मौत हो गई। इस घटना के बाद से पटना के समाज कल्याण विभाग में हलचल मच गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
खिचड़ी खाने के बाद तबीयत बिगड़ी
यह घटना पटना के शास्त्रीनगर थाने के पटेलनगर स्थित शेल्टर होम में हुई, जहां 13 लड़कियां खाना खा रही थीं। बताया जा रहा है कि जब इन लड़कियों ने खिचड़ी खाई, तो कुछ ही देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। आननफानन में सभी को एसकेएमसीएच (शहीद खुदीराम बोस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 7 और 10 नवंबर को दो लड़कियों की मौत हो गई।
इलाज के बाद नौ लड़कियां अभी भी अस्पताल में
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इस घटना के बाद से सभी बीमार लड़कियों को तुरंत अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज किया गया। फिलहाल नौ लड़कियां इलाजरत हैं, जबकि दो को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। हालांकि, यह घटना समाज में सवाल खड़े कर रही है कि आखिर शेल्टर होम में बच्चों को किस प्रकार का खाना दिया जा रहा था।
समाज कल्याण विभाग की जांच
घटना के बाद, समाज कल्याण विभाग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। विभाग ने लड़कियों की देखभाल के लिए चार काउंसलर भी तैनात किए हैं, ताकि उनका मानसिक और शारीरिक इलाज किया जा सके। साथ ही विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में ना हों।
इसे भी पढ़ेसमाज पर सवाल उठते हैं
यह घटना समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। खासकर शेल्टर होम जैसे संस्थान जहां लड़कियों और बच्चों की देखभाल की जाती है, वहां इस प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। यह घटना इस बात की भी याद दिलाती है कि हमारे समाज को बच्चों की सुरक्षा के मामले में और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
अधिकारियों ने लिया सख्त एक्शन
पटना के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इस घटना के बाद सख्त एक्शन लिया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की पूरी जांच करेंगे और जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। समाज कल्याण विभाग ने यह भी कहा कि शेल्टर होम में सभी बच्चों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
पुलिस और जांच एजेंसियों की जांच जारी
घटना के बाद पटना पुलिस और जांच एजेंसियों ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शेल्टर होम के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की है और खिचड़ी में इस्तेमाल किए गए सामग्री की जांच भी शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह मामला केवल खाद्य पदार्थों से संबंधित हो सकता है, लेकिन हर पहलू की जांच की जा रही है।
नतीजा क्या होगा?
यह घटना पटना के शेल्टर होम में बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता को लेकर कई सवाल खड़े करती है। समाज कल्याण विभाग और पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों के खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, शेल्टर होम में बच्चों के लिए सुरक्षित और हेल्थी भोजन की व्यवस्था को लेकर भी सुधार की जरूरत महसूस हो रही है।
निष्कर्ष
पटना की इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और देखभाल को लेकर अब और भी सजग रहने की आवश्यकता है। इस घटना से यह भी संदेश मिलता है कि हमें शेल्टर होम जैसे संस्थानों में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन और उनकी देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
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