Bihar Flood: बाढ़ में 1600 लोगों के जीवन रक्षक बने नाविक टुनटुन साफी, लेकिन खुद फंसे आर्थिक संकट में

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Samastipur News Bihar

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड क्षेत्र में कमला नदी के कारण बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। इस भयावह परिस्थिति में टुनटुन साफी नाम के एक नाविक ने 1600 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर उनकी जान बचाई है। बाढ़ में फंसे लोगों के लिए टुनटुन साफी की नाव एक जीवनरेखा बनकर उभरी है। उन्होंने दिन-रात बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद की, लेकिन इस सेवा के बदले उन्हें अपनी मेहनत का सही हक अब तक नहीं मिल पाया है।

दिन-रात सेवा, पर मेहनताना से वंचित

टुनटुन साफी ने बाढ़ के खतरनाक हालात में अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार लोगों की मदद की। हालांकि, उन्हें बीते दो सालों से न तो नाव का किराया मिल रहा है और न ही मजदूरी। यह एक गंभीर मुद्दा है, जो बाढ़ राहत कार्यों के प्रबंधन पर सवाल खड़ा करता है। सरकार और प्रशासन द्वारा किए गए वादों के बावजूद, ऐसे नायकों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है, जो दिन-रात अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा में जुटे रहते हैं।

300 रुपये रोजाना की थी बात, मिला मात्र 10,000

टुनटुन साफी ने बताया कि दरभंगा के जिला अधिकारी ने उन्हें 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी और नाव का किराया देने की बात कही थी, लेकिन अब तक उन्हें केवल 10,000 रुपये ही मिले हैं। बाढ़ राहत कार्यों में अपनी सेवाओं के बावजूद उन्हें नियमित मेहनताना नहीं मिल पा रहा, जिससे उनका जीवन खुद संकट में फंसा हुआ है।

समाज के सच्चे नायक

टुनटुन साफी की कहानी हमें यह सिखाती है कि समाज में ऐसे नायक मौजूद हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की सेवा में लगे रहते हैं। हमें ऐसे लोगों की मेहनत और समर्पण को सलाम करना चाहिए और उनके हक की लड़ाई लड़नी चाहिए। सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर ध्यान देकर इन नाविकों का बकाया मेहनताना और किराया देना चाहिए।

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