Sitamarhi News Today: दो दिन में मरा और फिर जिंदा! सीतामढ़ी की घटना से पुलिस भी हैरान

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दो दिन में मरा और फिर जिंदा! में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के बाद हुए विवाद में मरा हुआ समझा गया व्यक्ति भगत मांझी अचानक जिंदा पाया गया। पुलिस ने भगत मांझी को हिरासत में ले लिया है और इस घटना की जांच कर रही है, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई है।

क्या है पूरा मामला?

घटना 13 अक्टूबर की है, जब सीतामढ़ी के सुप्पी इलाके के ढेंग गांव में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो गुटों में विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि हाथापाई होने लगी, जिसके बाद एक गुट के लोगों ने तालेवर सहनी नामक व्यक्ति पर चाकू से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल तालेवर सहनी को पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

भगत मांझी की “मौत” और फिर “जिंदगी”

14 अक्टूबर को दोनों गुटों के बीच एक और झड़प हुई, जिसमें भगत मांझी को सिर में गंभीर चोटें आईं। परिवार वालों ने दावा किया कि मुजफ्फरपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान मांझी की मौत हो गई। इस खबर के बाद इलाके में तनाव फैल गया। हालांकि, जब पुलिस ने इस मामले की जांच की, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई – भगत मांझी जिंदा था।

पुलिस की प्रतिक्रिया

सीतामढ़ी सदर के एसडीपीओ रामकृष्ण ने बताया कि मांझी के परिवार वालों ने उन्हें गुमराह किया और उसकी मौत की झूठी खबर फैलाई। उन्होंने कहा, “जांच के दौरान पता चला कि भगत मांझी जिंदा है और उसे हिरासत में ले लिया गया है। हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं।”

साजिश या भ्रम?

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि भगत मांझी को मृत क्यों बताया गया? क्या यह कोई साजिश थी या सिर्फ भ्रम? पुलिस को शक है कि परिवार वालों ने जानबूझकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की हो सकती है। फिलहाल पुलिस भगत मांझी और उसके परिवार से पूछताछ कर रही है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके।

निष्कर्ष

यह मामला सीतामढ़ी में एक अनोखा और चौंकाने वाला घटना है, जिसने पुलिस को भी हैरान कर दिया है। अब जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी कि आखिर क्यों भगत मांझी को मरा घोषित किया गया और फिर वो जिंदा कैसे मिला।

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