भागलपुर (Bihar News): बिहार के भागलपुर में एक हत्या का आरोपी कोर्ट से फरार हो गया, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आरोपी को भागलपुर जेल से एडीजे-8 की अदालत में पेशी के लिए लाया गया था, जहां मौका पाते ही वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। आरोपी का नाम योगेंद्र मंडल उर्फ जोगेंद्र मंडल है, जो पहले भी हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों में संलिप्त रहा है।
हत्या और हत्या के प्रयास का आरोपी
फरार आरोपी का आपराधिक इतिहास काफी गंभीर है। मूल रूप से नवगछिया के बिहपुर स्थित कोदरा गांव का रहने वाला योगेंद्र मंडल पर साल 2005 में भागलपुर रेल थाना में दर्ज संजीव मंडल हत्या का आरोप है। इसके अतिरिक्त, अकबरनगर थाना क्षेत्र में 2021 में हुई एक हत्या और बिहपुर में हत्या के प्रयास में भी उसका नाम शामिल है।
19 साल पुराने केस में कोर्ट में पेशी
संबंधित आर्टिकल्स
Bihar Election 2025: VIP को मिली 15 सीटें तेजस्वी यादव ने छोड़ी गौरा बौराम! बिहार में बदल गया सियासी समीकरण
Bihar Election 2025: योगी आदित्यनाथ का बिहार में बड़ा बयान ‘विकास बनाम बुर्के’ की शरारत कौन कर रहा है?
BJP Candidates Second List 2025: बिहार चुनाव में BJP ने जारी की दूसरी सूची, मैथिली ठाकुर और आनंद मिश्रा को मिला टिकट
Bihar Election 2025: BJP को बड़ा झटका! छपरा की राखी गुप्ता ने किया बगावत का ऐलान!
Bihar Election 2025: मैथिली ठाकुर ने चुनाव लड़ने की अटकलों पर तोड़ी चुप्पी, जानें क्या कहा
Bihar Election 2025: NDA में सीट शेयरिंग पर मांझी के बदलते बयान ने मचाया सियासी हलचल
पुलिस के मुताबिक, योगेंद्र मंडल को संजीव मंडल हत्याकांड में पेशी के लिए लाया गया था। 25 अगस्त 2005 में संजीव मंडल का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद से ही यह मामला अदालत में लंबित है, और उसी सिलसिले में आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया था। संजीव मंडल की हत्या के मामले में उसकी मां गीता देवी ने पुलिस में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया था।
कैसे हुआ कोर्ट से फरार?
जानकारी के अनुसार, आरोपी को पहले स्टेशन हाजत में रखा गया था और फिर वहां से कोर्ट में लाया गया। अदालत में हाजिरी के दौरान पुलिसकर्मियों ने कागजी प्रक्रिया के तहत उसकी हथकड़ी खोली थी। इसी बीच आरोपी ने सतर्कता से मौका देख अपनी चाल चली और वहां से चुपचाप निकल गया। पुलिसकर्मी कागजी कार्रवाई में उलझे रहे, और आरोपी का फरार होना उनके संज्ञान में नहीं आ पाया। जब करीब दो मिनट बाद आरोपी की खोजबीन शुरू हुई, तो वह वहां से निकल चुका था।
इसे भी पढ़ेपुलिस ने की दो घंटे तक तलाश
कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी के माहौल के बीच पुलिस ने तुरंत उसे ढूंढने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों ने करीब दो घंटे तक कोर्ट परिसर के अंदर-बाहर खोजबीन की, लेकिन आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला। बाद में घटना की सूचना भागलपुर जेल प्रबंधन और तिलकामांझी थाना को दी गई।
2005 में दर्ज था हत्या का मामला
इस मामले में पीड़िता गीता देवी के लिखित आवेदन पर हत्या का केस दर्ज किया गया था। गीता देवी ने बताया कि 2005 में उसके बेटे संजीव मंडल को दिल्ली में काम दिलाने के बहाने ले जाया गया था, लेकिन बाद में उसे सुल्तानगंज और अकबरनगर के बीच ट्रेन से उतार कर मार दिया गया। उसका शव नारायणपुर बहियार में मिला था। इसी हत्याकांड में आरोपी योगेंद्र मंडल को अब 19 साल बाद पेशी के लिए लाया गया था।
पुलिस ने आरोपी की धरपकड़ के लिए की कार्रवाई
इस घटना के बाद पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप भी लगा है। आरोपी का इस तरह फरार होना पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने संभावित ठिकानों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। तिलकामांझी थाने की पुलिस ने भी संबंधित पदाधिकारियों को केस दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है, और जल्द ही आरोपी को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
आरोपी का फरार होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
हत्या के आरोपी का फरार होना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। पुलिस की यह लापरवाही आरोपी के आपराधिक इतिहास के मद्देनजर चिंताजनक है। पिछले कुछ वर्षों में बिहार में कोर्ट से अपराधियों के भागने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जो पुलिस व्यवस्था की सख्ती पर सवाल खड़े करती हैं।
आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद
भागलपुर पुलिस के अनुसार, आरोपी के संभावित ठिकानों पर नजर रखी जा रही है, और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस अब यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि ऐसी घटनाएं फिर से न हों।
इसे भी पढ़े :-