World Sleep Day 2024: अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद बेहद जरुरी है। नींद की इसी अहमियत और इससे जुड़े विकाटों के प्रति जागरुकता फैलाने के मकसद से हर साल मार्च के तीसरे शुक्रवार को World Sleep Day मनाया जाता है। हमारे सोने का तरीका हमारी नींद को प्रभावित करता है। ऐसे में आज जानेंगे अकेले सोने और बेड शेयर करने में से क्या ज्यादा बेहतर है।
Lifestyle Desk: तेजी से बदलती लाइफस्टाइल इन दिनों लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है। काम का बढ़ता प्रेशर और खानपान की गलत आदतों का असर हमारी सेहत पर ही नहीं, बल्कि नींद पर भी पड़ता है। इन दिनों कई लोग अनिद्रा यानी इनसोम्निया का शिकार है। यह एक आम समस्या बन चुकी है,
जो किसी को भी अपनी चपेट ले सकती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। तनाव से लेकर लंबे समय तक स्क्रीन का इस्तेमाल हमारी नींद को काफी प्रभावित करता है।हेल्दी रहने के लिए अच्छी और पूरी नींद जरूरी है। यही वजह है कि नींद के महत्व और इससे जुड़े डिसऑर्डर के बारे में जारूकता फैलाने के मकसद से हर साल मार्च के तीसरे शुक्रवार को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है।
World Sleep Day 2024 क्या नींद को प्रभावित करती है सोने का तरीका
World Sleep Day 2024: हमारी नींद को कोई चीज प्रभावित करती है जिसमें एक हमारे सोने का तरीका भी हो सकता है हम कैसे सोते हैं इसका आपकी मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है इतना ही नहीं अकेले सोने या बेड शेयर करने का भी हमारे सेहत पर असर पड़ता है ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि अकेले सोने से या बेड शेयर करने से ज्यादा कौन सा बेहतर होता है।
बेड शेयर करने के क्या है फायदे
World Sleep Day 2024: एरिजोना विश्वविद्यालय में हुई एक रिसर्च में या पता चला है कि अपने साथी या जीवनसाथी के साथ बिस्तर साझा करते हैं वह अकेले सोने वाले की तुलना में बेहतर होते हैं अध्ययन के दौरान अकेले सोने वाले की तुलना में पार्टनर के साथ बिस्तर शेयर करने वाले को अनिद्रा थकान और ज्यादा सोने की समस्या कम होती है।
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इतना ही नहीं अध्ययन में यह भी पता चला है कि अपने साथी के साथ सोना आपकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो सकता है क्योंकि जो कपल एक साथ सोते हैं उनमें अवसाद चिंतन तथा तनाव कम होता है और जीवन और रिश्ता को लेकर अधिक संतुष्ट होते हैं।
अकेले सोने की क्या है फायदे
World Sleep Day 2024: कुछ विशेषज्ञ का अभी मानना है कि बेड शेयर करने से लोगों को नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है खासकर उन लोगों को जो अपने पार्टनर के खर्राटे या बार-बार करोड़ बदलने के कारण गहरी नींद नहीं ले पाते हैं अगर आप पार्टनर नींद से जुड़ी समस्या से जूझ रहे हैं तो उसे भर-भर करवटें बदलने की समस्या होती है जिसका असर दूसरे साथी को भी नींद पर पड़ता है।
वहीं इसके विपरीत अगर आप अकेले सोते हैं तो पार्टनर से ऐसी तापमान पंखे की स्पीड आदि को लेकर होने वाली जनजातों से बचने में मदद मिलती है विशेषज्ञों का कहना है की स्पीड डिवोर्स जिसमें कपल अलग-अलग सोते हैं। नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है लेकिन अगर रात के समय अलग रहने की वजह से कम्युनिकेशन और इंटिमेसी प्रभावित होती है तो जो रिश्ते की गुणवत्ता है वह भी प्रभावित हो जाती है यानी कि पार्टनर के बीच रिश्ते में दरार आ जाती है।
निष्कर्ष:- सब कुछ मिलाकर यहां कहा जाता है कि आप भले ही अकेले सोए या अपने पार्टनर के साथ दोनों के लिए अपने अलग फायदे या नुकसान हो सकते हैं ऐसे में आप अपनी सुविधा के अनुसार यह तय कर सकते हैं कि आपके लिए किस तरह से सोना ज्यादा बेहतर होगा।
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