नार्थ बिहार में अडानी ग्रुप को नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार ने 28 लाख स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का ठेका दिया है। इसके लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अडानी एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार कर लिया है। अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। सांसद सुशील मोदी ने अडानी ग्रुप के मुद्दे पर संसद में उपस्थित विपक्षी दलों के दोहरापन पर सवाल उठाया है। मोदी ने महागठबंधन सरकार में शामिल जेडीयू, आरजेडी, और कांग्रेस को चुनौती दी है कि अगर हिम्मत है तो अडानी ग्रुप के साथ बिहार में प्रीपेड मीटर और नवादा में सीमेंट फैक्ट्री को रद्द करवा दें।
सुशील मोदी ने एक अपने एक्स पर लिखा है- “संसद में अडानी के खिलाफ चीख-चीख कर विरोध करने वाले जदयू-राजद-कांग्रेस के नेताओं से मेरा सवाल है, अगर उनमें हिम्मत है तो वे बिहार में सीमेंट फैक्ट्री और स्मार्ट मीटर लगाने के लिए अडानी ग्रुप के साथ किये गए समझौते को रद्द करें। एक तरफ ये विरोधी दल प्रधानमंत्री पर उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाते हैं और दूसरी तरफ बिहार-छत्तीसगढ़ सहित आधा दर्जन विपक्ष-शासित राज्यों में उद्योग लगाने के लिए अडानी ग्रुप का रेड-कार्पेट वेलकम करते हैं। इस दोहरापन का समय आ गया है, क्यों?”
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मोदी ने कहा कि नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अडानी समूह के साथ 27.99 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का समझौता किया है। उन्होंने नीतीश कुमार से पूछा है कि अगर अडानी ग्रुप के खिलाफ मुहिम में जदयू ने कांग्रेस का साथ दिया है तो इस ग्रुप को 27.99 लाख स्मार्ट मीटर और नवादा में सीमेंट फैक्ट्री को बियाडा के माध्यम से 70 एकड़ जमीन क्यों दी? मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर क्लीन चिट दे चुकी है, फिर भी संसद का पूरा सत्र बर्बाद किया गया। इसके लिए विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए।
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उन्होंने बताया कि जब शरद पवार महाराष्ट्र में गौतम अडानी के साथ मिलकर काम करते हैं और राजस्थान की गहलोत सरकार अडानी समूह को निवेश के मौके प्रदान करती है, तो इस विषय पर राहुल गांधी चुप्पी साध लेते हैं। मोदी ने कहा कि चाहे राफेल सौदा हो या अडानी समूह के व्यापारिक मुद्दे हों, विपक्ष खोखले आरोपों और दोहरे चरित्र के कारण अपने विश्वसनीयता को खो रहा है।