Samastipur Electric Shock Tragedy: जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। बिजली के करंट से हुए हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 महीने की बच्ची गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। इस हादसे ने पूरे इलाके में मातम का माहौल बना दिया है। स्थानीय लोगों के अनुसार अचानक हुए इस हादसे ने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच जारी है।
हादसे की पूरी घटना: कैसे हुआ करंट का दर्दनाक हादसा
रविवार की सुबह समस्तीपुर जिले के एक गांव में यह हादसा हुआ। जानकारी के अनुसार घर के आंगन में बिजली का तार गिरा हुआ था। परिजनों को इसकी जानकारी नहीं थी। जैसे ही घर की महिला ने तार को छुआ, वह करंट की चपेट में आ गई। महिला को बचाने के लिए उसका बेटा दौड़ा, लेकिन वह भी करंट से झुलस गया। इसके बाद छोटे पोते ने भी उन्हें बचाने की कोशिश की, और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
संबंधित आर्टिकल्स
Bihar Election 2025: VIP को मिली 15 सीटें तेजस्वी यादव ने छोड़ी गौरा बौराम! बिहार में बदल गया सियासी समीकरण
Bihar Election 2025: योगी आदित्यनाथ का बिहार में बड़ा बयान ‘विकास बनाम बुर्के’ की शरारत कौन कर रहा है?
Bihar Chunav 2025: लालू-राबड़ी के साथ तेजस्वी यादव ने भरा पर्चा, RJD में दिखी बड़ी एकजुटता!
BJP Candidates Second List 2025: बिहार चुनाव में BJP ने जारी की दूसरी सूची, मैथिली ठाकुर और आनंद मिश्रा को मिला टिकट
Bihar Election 2025: BJP को बड़ा झटका! छपरा की राखी गुप्ता ने किया बगावत का ऐलान!
Bihar Election 2025: NDA में सब कुछ ठीक! अमित शाह से मुलाकात के बाद कुशवाहा का बदला सुर, प्रशांत किशोर ने किया बड़ा ऐलान
इसी दौरान घर की चार महीने की बच्ची भी करंट की चपेट में आ गई, जिसे गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार बच्ची की स्थिति नाजुक बनी हुई है और उसे बेहतर इलाज के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
यह दर्दनाक घटना एक बार फिर से Samastipur Electric Shock Tragedy के तौर पर चर्चा में है। गांव के लोगों का कहना है कि अगर बिजली विभाग समय पर खराब लाइन की मरम्मत करता तो यह हादसा टल सकता था।
बिजली हादसों से बिहार में बढ़ रही चिंता
बिहार में पिछले कुछ महीनों से लगातार बिजली से जुड़े हादसे बढ़ रहे हैं। गांवों और कस्बों में पुराने बिजली खंभे और तार जर्जर हो चुके हैं। बारिश के मौसम में अक्सर बिजली तार गिरने की घटनाएं सामने आती हैं। पिछले साल भी इसी तरह की घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है। सरकार ने बार-बार बिजली विभाग को मरम्मत और मेंटेनेंस पर ध्यान देने के निर्देश दिए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात नहीं बदल रहे। यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों में लोग बिजली से जुड़े हादसों के डर में जीते हैं।
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए और बिजली विभाग की लापरवाही की जांच की जाए।
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी बड़ी चर्चा बटोरी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जबतक सुरक्षा इंतजाम पुख्ता नहीं होंगे, तब तक ऐसी घटनाओं पर रोक लगाना मुश्किल होगा।
ग्रामीणों में गुस्सा और प्रशासन की जिम्मेदारी
कौन है ज़िम्मेदार हादसे के बाद गांव में भारी आक्रोश है। लोग सड़क पर उतरकर बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग को पहले ही खराब तार और खंभे की शिकायत दी गई थी, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी जांच होगी। साथ ही पीड़ित परिवार को आपदा राहत फंड से मदद दी जाएगी। हालांकि, ग्रामीणों का गुस्सा शांत होता नहीं दिख रहा।
इस तरह की घटनाएं न केवल परिवार को उजाड़ देती हैं बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी होती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बिजली से जुड़े हादसे केवल लापरवाही की वजह से होते हैं। अगर तारों और खंभों की समय-समय पर जांच और मरम्मत हो, तो ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
सावधानी ही सुरक्षा: बिजली हादसों से बचाव कैसे करें
ऐसे हादसों के बाद सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर इनसे बचाव कैसे किया जाए। बिजली विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के दिनों में खुले तारों और गिरे खंभों से दूर रहना चाहिए। घर में बच्चों को खासतौर पर बिजली उपकरणों और तारों से दूर रखने की सलाह दी जाती है। यदि किसी तार में चिंगारी दिखे या खंभा गिरा हो, तो तुरंत बिजली विभाग को सूचना दें।
सरकार की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं, लेकिन जरूरत है कि लोग भी सतर्क रहें। छोटी-सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
इस घटना ने फिर से साबित कर दिया है कि बिजली सुरक्षा को हल्के में नहीं लेना चाहिए। परिवार और समाज दोनों को मिलकर सतर्क रहना होगा।
ये भी पढ़ें:-