Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाला की सुनवाई करने वाले सेवानिवृत्त जज सुधांशु कुमार लाल को बड़ी राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश विनोद चंद्रन और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने उनकी रिट याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा 7 दिसंबर 2009 को जारी आदेश को निरस्त कर दिया।
दरअसल, 2009 में जारी आदेश में सुधांशु कुमार लाल के सुपर टाइम वेतनमान को एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिसके कारण उनकी पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद अन्य लाभों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इसके बाद उन्होंने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था और अब उनके पक्ष में फैसला आया है।
चारा घोटाला मामले में सुनवाई
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सेवानिवृत्त जज सुधांशु कुमार लाल ने ही पटना में CBI अदालत के विशेष न्यायधीष के रूप में चारा घोटाला मामले की सुनवाई की थी। इस मामले में सुनवाई के दौरान एक विवाद उठा, जिसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई थी।
सुधांशु कुमार लाल पर आरोप था कि 11 फरवरी 2004 को जहानाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (डीएसजे) के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने बिना उच्च न्यायालय प्रशासन को सूचित किए अपने स्टेशन को छोड़ दिया था। इसके अलावा यह आरोप भी था कि उन्होंने बिना पूर्व अनुमति के पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह में गुप्त रूप से भाग लिया था।
अब पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद सेवानिवृत्त जज सुधांशु कुमार लाल को राहत मिली है और उनका सुपर टाइम वेतनमान बहाल किया गया है, जिससे उनकी पेंशन और अन्य लाभों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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