बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य के शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि सभी कॉलेजों में एक डायनामिक वेबसाइट तैयार की जाएगी और एक डेटाबैंक भी बनाया जाएगा। शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश देते हुए कहा है कि जनवरी तक यह कार्य पूरा कर लिया जाए।
कॉलेजों में होंगे ये बड़े बदलाव
बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के अधीन संचालित 268 अंगीभूत महाविद्यालयों और 227 संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में इस बदलाव का असर होगा। इन कॉलेजों में एक डायनामिक वेबसाइट तैयार की जाएगी, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत होनी चाहिए। इसके अलावा, इन कॉलेजों के लिए एक डेटाबैंक भी बनाया जाएगा, जिसमें उच्च शिक्षा से जुड़े आंकड़ों का संग्रहण किया जाएगा और समय-समय पर उसे अपडेट किया जाएगा।
शिक्षा सचिव का निर्देश
संबंधित आर्टिकल्स
Bihar politics Live Bihar Band: पीएम मोदी की मां को लेकर विवाद गहराया, 4 सितम्बर को एनडीए ने किया बंद का ऐलान
Bihar Chunav 2025 Live: बयानबाजी और भावनाओं की गर्मी, नेताओं की सख्त चेतावनी
Bihar News Today Live: राहुल गांधी का बड़ा आरोप और पूरे राज्य की ताज़ा खबरें
Tej Pratap Yadav: का बयान, भाई बीरेंद्र पर फिर साधा निशाना
Bihar Chunav 2025 Update: मनेर में तेज प्रताप यादव का शक्ति प्रदर्शन
Ranju Devi Rahul Gandhi Vote Theft Allegations: रंजू देवी के खुलासे से राहुल गांधी घिरे, ”वोट चोरी” विवाद पर जेपी नड्डा का वार
शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने कुलसचिवों की बैठक में यह निर्देश दिया है कि सभी कॉलेजों की वेबसाइट जल्द से जल्द तैयार कराई जाए। इसके लिए वे राष्ट्रीय सूचना केंद्र की मदद भी ले सकते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि यदि किसी विश्वविद्यालय के पास परीक्षाफल आधारित अनुदान राशि या पूर्व के वेतन की राशि पड़ी है, तो भविष्य में अनुदान देने में इस राशि को घटाकर दिया जाएगा।
उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) न मिलने पर होगी कटौती
शिक्षा सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जिन मदों में दी गई राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) शिक्षा विभाग को नहीं मिलेगा, उन मदों में दी गई राशि को काटकर भविष्य में दी जाने वाली राशि में कटौती की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को चेतावनी दी कि वे बिना उपयोग के जमा पड़ी राशि बिहार सरकार को जल्द से जल्द वापस लौटाएं, और शिक्षक एवं कर्मचारियों के वेतन का पैसा रोककर न रखें।
अगले साल से प्रस्तावित बजट पर होगा विचार
शिक्षा विभाग ने यह भी घोषणा की है कि अगले साल से शिक्षा विभाग के समर्थ पोर्टल पर जो प्रस्तावित बजट अपलोड किया जाएगा, वही स्वीकार किया जाएगा और उस पर विचार किया जाएगा। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है, ताकि उन्हें इस प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी जा सके।
PRAN नंबर के बिना वेतन भुगतान नहीं होगा
सचिव ने यह भी कहा है कि बिना PRAN नंबर (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। सभी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में वर्ष 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को उनका PRAN नंबर खुलने के बाद ही वेतन मिलेगा।
सारांश
यह निर्णय बिहार के सभी कॉलेजों में एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगा।
इसे भी पढ़े :-