टेक्नोलॉजी

iPhone 17 Pro और iPhone 17 Pro Max भारत में लॉन्च: जानें कीमत, फीचर्स और लेटेस्ट अपडेट

ज्योतिष

Aaj Ka Rashifal 10 September 2025: जानिए कैसा रहेगा आपका दिन सभी 12 राशियों के लिए

टेक्नोलॉजी

iPhone 17 Launch Event Live: iPhone 17 सीरीज़ और नई Apple Watch का हुआ धमाकेदार लॉन्च

ऑटोमोबाइल

Tata Harrier EV 2025: इलेक्ट्रिक SUV में दमदार परफॉर्मेंस और एक छोटी खामी

टेक्नोलॉजी

Realme Narzo 80 Lite: दमदार फीचर्स और किफायती कीमत के साथ

बिहार न्यूज़

धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के लिए उठी नई लौ Gau Matdata Sankalp Yatra

ऑटोमोबाइल

Maruti Suzuki Victoris 2025: नई मिड-साइज SUV लॉन्च, एडवांस फीचर्स और सेफ्टी के साथ

ऑटोमोबाइल

TVS Raider Super Squad Edition 2025: डेडपूल और वूल्वरिन एडिशन, कीमत ₹99,465, दमदार फीचर्स

बिहार न्यूज़ / बिहार में चुनाव में भारी फर्जीवाड़ा: चुनाव कर्मियों के लिए 18 करोड़ की चाय-पकौड़ी का बिल

बिहार में चुनाव में भारी फर्जीवाड़ा: चुनाव कर्मियों के लिए 18 करोड़ की चाय-पकौड़ी का बिल

Reported by: Ground Repoter | Written by: Saurabh Thakur | Agency: SN Media Network
Last Updated:

पटना, बिहार – बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां चुनाव कर्मियों के लिए 18 करोड़ रुपये की चाय-पकौड़ी और भोजन का फर्जी बिल तैयार किया गया। इस मामले की जांच के दौरान जो खुलासे हुए हैं, उन्होंने सभी को हैरान कर दिया है। जांच में पता चला कि असल खर्च सिर्फ 2.49 करोड़ रुपये का था, जबकि बिल 18 करोड़ रुपये का बना दिया गया था।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा का खुलासा?

लोकसभा चुनाव के दौरान पटना जिले में लगभग 20,000 चुनाव कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। इन कर्मियों के भोजन और नाश्ते की आपूर्ति के लिए प्रशासन को कई कंपनियों ने बिल दिए थे। इनमें से एक बिल में दावा किया गया था कि 18 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन जब जिला प्रशासन ने इसे जांचा, तो असल खर्च केवल 2.49 करोड़ रुपये ही निकला। इस मामले में पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर एक तीन सदस्यीय टीम ने जांच की, जिसमें एडीएम आपूर्ति की अगुवाई की गई थी।

10 गुना अधिक खर्च का दावा

संबंधित आर्टिकल्स

Bihar politics Live Bihar Band: पीएम मोदी की मां को लेकर विवाद गहराया, 4 सितम्बर को एनडीए ने किया बंद का ऐलान

Bihar Chunav 2025 Live: बयानबाजी और भावनाओं की गर्मी, नेताओं की सख्त चेतावनी

Bihar News Today Live: राहुल गांधी का बड़ा आरोप और पूरे राज्य की ताज़ा खबरें

Tej Pratap Yadav: का बयान, भाई बीरेंद्र पर फिर साधा निशाना

Bihar Chunav 2025 Update: मनेर में तेज प्रताप यादव का शक्ति प्रदर्शन

Ranju Devi Rahul Gandhi Vote Theft Allegations: रंजू देवी के खुलासे से राहुल गांधी घिरे, ”वोट चोरी” विवाद पर जेपी नड्डा का वार

जांच में सामने आया कि इन कंपनियों द्वारा जो बिल प्रशासन को सौंपे गए थे, उनमें 10 गुना अधिक खर्च दिखाया गया था। कंपनियों ने दावा किया कि एक चुनावकर्मी ने प्रतिदिन औसतन 10 प्लेट भोजन किया, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं लगता। इस तरह के फर्जीवाड़े से प्रशासन के अधिकारियों को भी आश्चर्य हुआ।

कमरे में 90 बल्ब और पंखे का बिल

इस फर्जीवाड़े में केवल भोजन और नाश्ते का ही नहीं, बल्कि अन्य चीजों का भी बिल शामिल था। बिलों में एक स्थान पर जहां चुनाव कर्मी ठहरे हुए थे, वहां 80 से 90 बल्ब और पंखे लगाए जाने का दावा किया गया। जबकि उस जगह की क्षमता केवल 100 लोगों के बैठने की थी। इस असामान्य विवरण को देखकर प्रशासन को और संदेह हुआ, और विस्तृत जांच की गई।

इसे भी पढ़े

जांच में सामने आई हकीकत

जांच के दौरान संबंधित विधानसभा क्षेत्र के सहायक निर्वाचन अधिकारियों को भी बुलाया गया और सभी बिलों का सत्यापन कराया गया। इस प्रक्रिया में खुलासा हुआ कि चुनाव के दौरान जहां पुलिस कर्मियों को ठहराया गया था, वहां इतनी संख्या में बल्ब और पंखे लगाए जाने का दावा ही फर्जी था।

जिला प्रशासन ने उठाए कड़े कदम

डीएम चंद्रशेखर सिंह ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए सभी फर्जी बिलों को रद्द कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के फर्जीवाड़े से सरकारी धन का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। जांच के बाद जिन बिलों को फर्जी पाया गया है, उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है।

फर्जीवाड़े पर क्या होगी अगली कार्रवाई?

जिला प्रशासन ने कहा है कि वह इस मामले में संबंधित कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की तैयारी हो रही है ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों पर नियंत्रण लगाया जा सके।

चुनाव में फर्जीवाड़े की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय

बिहार में चुनाव के दौरान इस तरह का फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं है, लेकिन 18 करोड़ रुपये का यह मामला एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। यह घटना चुनाव प्रणाली और सरकारी धन के उपयोग में पारदर्शिता की कमी की ओर इशारा करती है। ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई से ही सरकारी संसाधनों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है।

इसे भी पढ़े :-


ABOUT THE AUTHOR

Saurabh Thakur
Saurabh Thakur

...और पढ़ें


Samastipur News को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।


Tags :

First Published : November 14, 2024, 11:58 AM IST

बिहार न्यूज़ / बिहार में चुनाव में भारी फर्जीवाड़ा: चुनाव कर्मियों के लिए 18 करोड़ की चाय-पकौड़ी का बिल