आपकी जमीन पर सिर्फ आपका अधिकार रहेगा, पढ़ें डीएम सुब्रत कुमार सेन का खास इंटरव्यू

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बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर लोगों में कई तरह के भ्रम और चिंताएँ हैं। जमीन के दस्तावेज़ और सर्वे प्रक्रिया को लेकर रैयत (जमीन मालिक) उलझन में हैं। मुजफ्फरपुर के जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने दैनिक जागरण से बात करते हुए इन शंकाओं को दूर किया और स्पष्ट किया कि जिनकी जमीन वैध है, सर्वे के बाद भी वह उनकी ही रहेगी। सर्वे के बाद स्थिति और अधिक साफ हो जाएगी।

सर्वे को लेकर क्या हैं आम जनता की चिंताएं?

भूमि सर्वे के दौरान कई लोग अपने जमीन से जुड़े दस्तावेज़ नहीं मिलने और सर्वे प्रक्रिया में जटिलताओं से परेशान हैं। इस पर डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि यह जरूरी है कि लोग किसी भी तरह के भ्रम में न रहें। जिनके पास जमीन के वैध दस्तावेज़ हैं, उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। सभी संबंधित दस्तावेज, जैसे खतियान आदि, अंचल कार्यालय या अभिलेखागार में उपलब्ध हैं। सर्वे के दौरान इन दस्तावेजों का मिलान किया जाएगा, जिससे जमीन की वैधता की पुष्टि हो सके।

सर्वे से जुड़े भ्रम और गलतफहमियां

जमीन के मालिकों को डर है कि सर्वे के दौरान उनकी जमीन पर किसी और का दावा हो सकता है या उन्हें बेदखल किया जा सकता है। डीएम ने स्पष्ट किया कि ऐसा कुछ नहीं होगा। जिनकी जमीन है, वही उनके नाम पर रहेगी, और सर्वे के बाद कानूनी रूप से यह और पुख्ता हो जाएगा। जिनके पास वैध कागजात हैं उन्हे किसी के भी कहने मे नहीं आना है ।
सरकार की मंशा और लोगों की सहूलियत

सरकार की मंशा है कि भूमि सर्वे से जुड़े सभी दस्तावेजों को डिजिटलाइज किया जाए, जिससे भविष्य में किसी प्रकार के विवाद से बचा जा सके। यह सर्वे प्रक्रिया लोगों की सुविधा और उनके भूमि अधिकारों की सुरक्षा के लिए की जा रही है।

सर्वे के फायदे क्या होंगे?

इस प्रक्रिया के बाद, जमीन के स्वामित्व को लेकर कोई भी विवाद नहीं रहेगा। भूमि के वैध दस्तावेजों के आधार पर जमीन का सर्वे होगा, और रैयत की जमीन की पुष्टि हो जाएगी।

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