मीटर लगाने पहुंची टीम को गांववालों ने भगा दिया, दर्ज हुई प्राथमिकी

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बिहार मे स्मार्ट मीटर के लिए विवाद चल रहा है । स्मार्ट मीटर लगाने वाली बिजली विभाग ग्रामीणों का सीकर हो रही है। ग्रामीणों को इस नई तकनीक को अपनाने के लिए समझाना मुश्किल हो रहा है, और अब बात हाथापाई तक पहुंच गई है।

पश्चिमी चंपारण के मुड़िला गांव की घटना
रविवार को पश्चिमी चंपारण के मुड़िला गांव में बिजली विभाग की टीम पुराने मीटरों की जगह नए स्मार्ट मीटर लगाने के लिए गई थी। हालांकि, गांववालों ने इसका कड़ा विरोध किया और टीम को वहां से भगा दिया।

प्राथमिकी दर्ज
विद्युत आपूर्ति प्रशाखा चौतरवा के जेई अखिलेश कुमार ने सरकारी कार्य में बाधा डालने को लेकर संत पासवान, मैनेजर चौधरी, बसंत पासवान और बली पासवान पर एफआईआर दर्ज कराई है।

स्मार्ट मीटर का विरोध क्यों?


बिजली विभाग के मुताबिक, दिसंबर 2023 से बिहार में पुराने मीटरों की जगह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, ताकि बिजली खपत की सही निगरानी हो सके और बिलिंग में सुधार हो। लेकिन ग्रामीणों को इसे लेकर कई शंकाएं हैं, जिसकी वजह से यह विरोध देखने को मिल रहा है।

रविवार को जब बिजली विभाग की टीम मुड़िला गांव में मीटर लगाने पहुंची, तो ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों से बदसलूकी की और उन्हें गांव से भगा दिया। टीम में प्रशाखा पर्यवेक्षक विपिन कुमार, मीटर इंस्टॉलर संदीप दुबे, अशोक कुमार यादव और सगीर मियां शामिल थे।

क्या है स्मार्ट मीटर की योजना?
बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत, उपभोक्ताओं को बिजली खपत की सटीक जानकारी मिलेगी और बिजली बिल में पारदर्शिता आएगी। लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसे लेकर फैली भ्रांतियां इस योजना की राह में बाधा बन रही हैं।

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