Muzaffarpur News: साइबर फ्रॉड ने महिलाओं को बनाया शिकार
बिहार के मुजफ्फरपुर में महिलाओं के बैंक खातों में अचानक करोड़ों रुपये जमा होने की घटना ने सभी को चौंका दिया है। यह मुजफ्फरपुर साइबर फ्रॉड समाचार तब सामने आया जब कई महिलाएं पुलिस कार्रवाई के डर से चुप रहीं, लेकिन अंततः उन्होंने मामले की सूचना दी।

साइबर फ्रॉड बैंक के माध्यम से हुआ बड़ा खेल
अहियापुर थाना क्षेत्र के मिठनसराय गांव में समूह लोन दिलाने के झांसे में आकर एक दर्जन से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में तीन करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन किया गया। यह राशि साइबर अपराधियों द्वारा भेजी गई थी और बाद में अन्य फ्रॉड बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई। प्रभावित महिलाओं में अधिकांश कम पढ़ी-लिखी हैं, जिनके खातों में 20 से 30 लाख रुपये तक की राशि आई थी।
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जब महिलाओं ने अपने खातों की जांच की, तो पता चला कि कुछ खातों में 20 लाख, कुछ में 25 लाख, और कुछ में 30 लाख रुपये जमा हैं। इससे डरी हुई महिलाएं शुरुआत में शिकायत करने से हिचकिचाईं, लेकिन अंततः स्थानीय जनप्रतिनिधियों के कहने पर उन्होंने अहियापुर थाने का रुख किया और फिर साइबर थाने में जाकर पूरी घटना की जानकारी दी।
मुजफ्फरपुर साइबर क्राइम समाचार: महिलाओं की सहायता के लिए पुलिस आगे आई
साइबर डीएसपी सीमा देवी ने सभी महिलाओं के आधार नंबर लेकर उनकी जानकारी ट्रेस करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि इस मामले में कई फर्जी खातों का लेन-देन हुआ है। महिलाओं ने बताया कि कांटी की एक महिला ने समूह लोन दिलाने का झांसा देकर उन्हें फंसाया था, जिसमें कहा गया था कि प्रत्येक के खाते में पांच लाख रुपये लोन के रूप में आएंगे, जिसमें से 50 प्रतिशत लोन माफ किया जाएगा।
इस योजना के तहत, महिलाओं को पहले नए सिम कार्ड दिलाए गए, जिनका इस्तेमाल करके उनके नाम पर बैंक खाते खोले गए। आरोपियों ने महिलाओं के आधार, पैन और सिम कार्ड अपने पास रख लिए और कहा कि दो महीने बाद उनके खातों में राशि आ जाएगी। इस दौरान, सिम कार्ड आरोपियों के पास होने के कारण किसी भी महिला को लेन-देन के बारे में सूचना नहीं मिली।
पांच महीने बाद जब महिलाएं बैंक गईं, तो उन्हें पता चला कि उनके खातों से 20 से 30 लाख रुपये का लेन-देन हो चुका है। जब महिलाएं थाने में शिकायत करने पहुंचीं, तो असलियत सामने आई। साइबर फ्रॉड समाचार में पुलिस ने बताया कि वे महिलाओं के खातों की जानकारी ट्रेस कर रही हैं और इस मामले में एक मास्टरमाइंड का नाम भी सामने आया है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है।
यहां तक कि कांटी की जिस महिला ने उन्हें ठगा था, वह भी साइबर अपराधियों का शिकार बनी है। उसे भी समूह लोन दिलाने का झांसा देकर फर्जी खाता खुलवाने के लिए मजबूर किया गया। पुलिस की पूछताछ में वह सिर्फ एक मोहरा साबित हुई है।
इस मामले ने साबित कर दिया है कि बिहार समाचार में साइबर ठगी का खतरा कितना बड़ा हो सकता है, खासकर कमजोर वर्गों के लिए। अब पुलिस ने ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है।
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