लापरवाही पर 5 डॉक्टरों के वेतन पर रोक: जहानाबाद जिले में पांच सरकारी चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी अलंकृता पांडे ने उनके वेतन पर रोक लगा दी है। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही के चलते उठाया गया है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि संस्थागत प्रसव, प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन और टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीएम के इस एक्शन से पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में कमी पर कार्रवाई
जिलाधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान पाया गया कि स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति निर्धारित लक्ष्य से 50% से भी कम है। इस शिथिलता के चलते पांच डॉक्टरों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया। डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के हर क्षेत्र में सुधार लाना अनिवार्य है, विशेषकर संस्थागत प्रसव, प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन, आयरन की गोलियों का वितरण और टीकाकरण में।
सिविल सर्जन को निर्देश और स्पष्टीकरण
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सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि वह रतनी फरीदपुर और घोसी के प्रभारी स्वास्थ्य पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे और संतोषजनक जवाब आने तक उनके वेतन पर रोक लगाएं। परिवार नियोजन में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर मधुबाला, डॉक्टर राजेश कुमार (हुलासगंज में पदस्थापित), और घोसी रेफरल अस्पताल के एक अन्य सर्जन के वेतन पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया गया है।
दवा आपूर्ति में भी पाई गई कमी
दवा आपूर्ति की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि जिले में पर्याप्त दवा स्टॉक होने के बावजूद ओकरी, मोदनगंज और घोसी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवा की कमी है। इसके लिए प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक ओकरी और अस्पताल प्रबंधक, घोसी को भी स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए दिशा-निर्देश
जिलाधिकारी ने 85% प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने और प्रखंड स्तर पर नोडल पदाधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं ताकि माहवार समीक्षा की जा सके। इसके साथ ही, चरणवार समीक्षा की भी सिफारिश की गई है।
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम में दूसरी रैंक
बैठक के दौरान बताया गया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) में जहानाबाद जिले ने राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के लिए जिलाधिकारी ने पूरी स्वास्थ्य टीम को बधाई दी। IDSP का उद्देश्य महामारी से संबंधित रोगों पर नजर रखना और निगरानी प्रणाली को मजबूत करना है।
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