आरा, भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले में इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) में तैनात जवान का शव संदिग्ध परिस्थितियों में पेड़ से लटका हुआ पाया गया। यह घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गंगहर गांव की है, जहां चार दिन से लापता जवान का शव रविवार सुबह बबूल के पेड़ से बरामद हुआ। इस मामले ने इलाके में सनसनी फैला दी है, जबकि परिजनों ने जवान को ब्लैकमेल किए जाने और इसके चलते डिप्रेशन में आत्महत्या की आशंका जताई है।
जवान की पहचान और पोस्टिंग
मृतक की पहचान गंगहर गांव वार्ड नंबर 10 निवासी 25 वर्षीय गौतम कुमार के रूप में हुई है। वह ITBP में तैनात था और कर्नाटक के बेलगाम में पोस्टेड था।
घटना का खुलासा
संबंधित आर्टिकल्स
Samrat Chaudhary statement on Congress: नेपाल-पाकिस्तान की अस्थिरता का ठहराया जिम्मेदार!
बिहार चुनाव 2025 Tejashwi Yadav के सामने सबसे बड़ा मौका, पर चुनौतियां भी कम नहीं
Bihar politics Live Bihar Band: पीएम मोदी की मां को लेकर विवाद गहराया, 4 सितम्बर को एनडीए ने किया बंद का ऐलान
Bihar Chunav 2025 Live: बयानबाजी और भावनाओं की गर्मी, नेताओं की सख्त चेतावनी
Bihar News Today Live: राहुल गांधी का बड़ा आरोप और पूरे राज्य की ताज़ा खबरें
Tej Pratap Yadav: का बयान, भाई बीरेंद्र पर फिर साधा निशाना
रविवार सुबह गांव की कुछ महिलाएं शौच के लिए खेत की ओर गई थीं। तभी उन्होंने बबूल के पेड़ से एक शव लटका देखा और गांववालों को इसकी सूचना दी। सूचना पाकर परिजन और पुलिस मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और फिर परिजनों को सौंप दिया।
परिजनों का आरोप: पैसे के लिए ब्लैकमेल
मृतक के पिता इंद्र कुमार राम ने बताया कि वह दिल्ली के एक निजी अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर को गौतम ने फोन कर 24,000 रुपये मंगवाए थे। जब उनसे पैसे के कारण के बारे में पूछा गया, तो गौतम ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और केवल अर्जेंट काम का हवाला दिया।
पिता ने यह भी बताया कि गौतम ने रिश्तेदारों से भी फोन कर करीब 1 लाख रुपये मंगवाए थे। परिजनों का मानना है कि किसी ने गौतम को ब्लैकमेल कर उससे पैसे मांगे, जिससे वह मानसिक दबाव में आ गया।
आखिरी बातचीत और संदिग्ध परिस्थितियां
परिजनों ने बताया कि 11 नवंबर को गौतम से आखिरी बार बात हुई थी। इसके बाद से उसका फोन बंद हो गया था। उसी दिन मृतक के पिता इंद्र कुमार के चाचा का निधन हो गया, जिसके कारण वह दिल्ली से गांव लौट आए।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जवान की मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने परिजनों के बयानों के आधार पर ब्लैकमेलिंग के एंगल की जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों में शोक और चिंता
इस घटना से पूरे गांव में शोक और भय का माहौल है। मृतक के पिता और परिजन घटना को लेकर सदमे में हैं। उन्होंने पुलिस से इस मामले की गहराई से जांच करने की मांग की है।
निष्कर्ष
इस घटना ने न केवल एक जवान की असामयिक मृत्यु को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि ब्लैकमेलिंग और मानसिक दबाव जैसे गंभीर मुद्दों को भी उजागर किया है। पुलिस की जांच से यह साफ हो सकेगा कि गौतम की मौत के पीछे क्या कारण थे और क्या वाकई वह ब्लैकमेलिंग का शिकार था।
इसे भी पढ़े :-