Bihar Politics Update: बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण सामने आया है। जहानाबाद के चर्चित नेता आशुतोष कुमार भूमिहार ने अपने हजारों समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले उनके इस कदम ने सियासी हलचल तेज कर दी है। भूमिहार समाज को लंबे समय से साधने की कोशिश कर रही पार्टियों के लिए यह बड़ा संदेश माना जा रहा है।
तेजस्वी यादव और भूमिहार समाज की नजदीकियां
कुछ साल पहले तक यह माना जाता था कि भूमिहार जाति और आरजेडी (RJD) एक-दूसरे के राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं। लेकिन पटना के बापू सभागार में परशुराम जयंती के दौरान जब तेजस्वी यादव पहुंचे, तो सियासी हलकों में हलचल मच गई। उस समारोह के सूत्रधार थे Ashutosh Kumar Bhumihar Brahmin के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष कुमार। उन्होंने ही तेजस्वी को मंच पर बुलाकर समाज के बीच एक नई राजनीति की शुरुआत की। तेजस्वी यादव ने उस मौके पर सोशल जस्टिस और inclusive politics की बात की थी। इस कदम से भूमिहार समाज के बीच यह संदेश गया कि आरजेडी भी सवर्ण समाज को साथ लेना चाहती है। हालांकि, समाज के बड़े हिस्से ने इसे सहज रूप से स्वीकार नहीं किया और आलोचना भी की।
आशुतोष कुमार का राजनीतिक सफर
तेजस्वी यादव ने पटना बापू सभागार में परशुराम जयंती कार्यक्रम में समाजिक न्याय और समावेशी राजनीति की बात की।
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Ashutosh Kumar पर गौर करें तो साफ दिखता है कि उनका राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव जहानाबाद से अपनी पार्टी राष्ट्रीय जन जन पार्टी के टिकट पर लड़ा था, लेकिन सिर्फ 13,213 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने बदलती राजनीतिक हवा को भांपते हुए बड़ा फैसला लिया। बीजेपी में शामिल होने के बाद वे सीधे डेप्युटी सीएम विजय कुमार सिन्हा के बगल में नज़र आए। इससे साफ संकेत गया कि उन्हें पार्टी में सशक्त भूमिका दी जाएगी। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि आशुतोष के इस कदम से बीजेपी को भूमिहार वोट बैंक में मजबूती मिल सकती है।
भूमिहार समाज और बीजेपी की रणनीति
भूमिहार समाज हमेशा से बिहार की राजनीति में एक निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। ऐसे में आशुतोष के बीजेपी में आने से पार्टी को फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है। खासकर तब, जब राजद के नेताओं के बयानों ने समाज को नाराज़ कर दिया। हाल ही में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने ‘भूरा बाल साफ करो’ नारा दोहराया था। इस नारे में सबसे पहले भू यानी भूमिहार आते हैं। यही वजह है कि कई लोग मानते हैं कि आशुतोष का बीजेपी में शामिल होना समयानुकूल और रणनीतिक फैसला है। इससे बीजेपी को न केवल जहानाबाद बल्कि आसपास के जिलों में भी बढ़त मिल सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कब होगा इस पर चुनाव आयोग ने अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी की रणनीति साफ है सवर्ण समाज और खासकर भूमिहारों को अपने साथ मजबूत करना। वहीं आरजेडी और कांग्रेस की कोशिश है कि पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग को साधते हुए समीकरण बनाए जाएं। इस बीच, ashutosh kumar bhumihar join bjp की खबर ने चुनावी चर्चाओं को और गर्मा दिया है। बिहार की राजनीति हमेशा जातीय समीकरणों पर घूमती रही है, और इस बार भी वही फैक्टर निर्णायक होगा।
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