Immunity Booster Kadha For Children: अक्टूबर का महीना शुरू हो चुका है. नवंबर में तापमान गिरेगा. ऐसे में अचानक से बदलते मौसम के कारण बच्चों की इम्युनिटी शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. ठंडी हवाएं बाहर का पॉल्यूशन वायरल फीवर बच्चों को बीमार डाल देता है. जिन बच्चों की इम्युनिटी वीक होती है. उन पर वायरल फीवर का असर जल्दी होता है. नवंबर के महीने में सर्दी जुकाम खांसी गले की समस्या बढ़ाना आम बात है.
बार-बार बच्चे बीमार पड़ते हैं. जिससे उनका दैनिक जीवन बुरे तरीके से प्रभावित होता है. आप कुछ नुस्खे फॉलो करके अपने बच्चों को वायरल फीवर संक्रमण होने से बचा सकते हैं. आयुर्वेद में कई ऐसे हर्बल काढा के बारे में जिक्र किया गया है. जो बीमारियों से लड़ने में इम्यूनिटी की शक्ति बढ़ाने में मदद करता है.
बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर क्यों होती है?
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बदलते मौसम में खासकर अक्टूबर-नवंबर के महीनों में तापमान में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। ठंडी हवाएं, धूल और पॉल्यूशन बच्चों के शरीर पर सीधे असर डालते हैं। जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें वायरल फीवर, जुकाम, खांसी और गले की समस्याओं का जल्दी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, बच्चों की दिनचर्या, खान-पान और नींद की कमी भी इम्यूनिटी को प्रभावित करती है। इसलिए माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें और आयुर्वेदिक उपायों से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें।
तुलसी का काढा: बच्चों के लिए नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर
सबसे असरदार तुलसी का होता है. तुलसी का काढ़ा बनाना घर पर बेहद आसान है. बच्चे बूढ़े कोई भी इस जादुई काढ़े का सेवन कर सकता है. तुलसी की नाजुक और हरी पत्तियां तोड़ लें. धोकर उसको पानी में डालकर उबाले. उसमें एक चुटकी बराबर नमक और काले मिर्च डालकर उबाल ले. हल्का सा उसमें चीनी भी मिला सकते हैं. तुलसी के काढ़े में सितोपलादि चूर्ण मिलाकर बच्चों को दे.
इसका फायदा और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इस चूर्ण में मिश्री वंशलोचन पीपल इलायची और दालचीनी जैसे एलिमेंट्स मौजूद होते हैं. यदि बच्चे इसका सेवन करते हैं, तो इससे फेफड़े और श्वसन तंत्र मजबूत बने रहते हैं. गले को मजबूती प्रदान करते हैं. वंशलोचन बलगम को काम करता है. पीपल इलायची पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं. दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल एलिमेंट्स होते हैं. इससे स्वसन की नलिकाओं की रक्षा होती है.
तुलसी और सितोपलादि चूर्ण के अनेकों फायदे
AIIMS के डायरेक्टर डॉ प्रदीप कुमार प्रजापति के अनुसार तुलसी और सितोपलादि चूर्ण बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है. बच्चों के कई सारे स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायता प्रदान करते हैं. इस काढा से बच्चों को सर्दी खांसी जुकाम नजला से राहत मिलती है. फेफड़ों की सफाई होती है. साइनस अस्थमा के लक्षणों को यह हल्का करता है. काढा देने से पहले डॉक्टर और आयुर्वेद विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें.
रोज़मर्रा की आदतें और बच्चों की इम्यूनिटी
सिर्फ काढ़ा ही नहीं, बल्कि बच्चों की रोज़मर्रा की आदतें भी इम्यूनिटी पर असर डालती हैं। संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और साफ-सफाई बनाए रखना बहुत जरूरी है। बच्चों को बाहर खेलना चाहिए ताकि उनका शरीर मजबूत रहे और विटामिन D की कमी न हो। घर में हर्बल काढ़ा देने के साथ-साथ यह भी ध्यान रखें कि बच्चे गर्म पानी पिएं और ठंडी चीज़ों का सेवन कम करें। यह उपाय वायरल फीवर और संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
Immunity Booster Kadha: नतीजा और सावधानियाँ
Immunity Booster Kadha For Children का नियमित सेवन बच्चों को वायरल फीवर और सर्दी-खांसी से बचाता है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है। हालांकि, किसी भी हर्बल काढ़े को बच्चे को देने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इससे सुनिश्चित होता है कि किसी भी एलर्जी या अन्य स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके।
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