Cycle Race In Airport: सहरसा शहर का लगभग 50 साल पुराना हवाई अड्डा, जो कभी नेताओं और वीआईपी के विमानों की आवाजाही का गवाह था, अब युवाओं के लिए सैर और रेस का मैदान बन चुका है। पटेल मैदान के पास स्थित इस हवाई अड्डे के रनवे पर सुबह के वक्त लोग सैर के लिए आते हैं, जबकि युवा साइकिल और बाइक रेस करते हुए अपना समय बिताते हैं। यह नजारा भले ही अजीब लगे, लेकिन सहरसा हवाई अड्डे की यही सच्चाई है।
हवाई सेवाओं की कमी और प्रशासन की उदासीनता
दरभंगा और पूर्णिया जैसे आसपास के जिलों में जहां हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं, वहीं सहरसा का यह हवाई अड्डा प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण उपेक्षित पड़ा है। यहां से कोई हवाई सेवा शुरू नहीं की गई है, जबकि कोसी जैसे पिछड़े इलाके में हवाई सेवाओं की सख्त जरूरत है। खासकर स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन मामलों में हवाई सेवा यहां के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। अगर इस हवाई अड्डे को विकसित किया जाए, तो यह क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका निभा सकता है।
वीआईपी के आने पर ही होती है सफाई
सहरसा हवाई अड्डे की देखभाल का आलम यह है कि जब कोई वीआईपी आता है, तभी इसकी सफाई और देखरेख की जाती है। इसके बाद इसे अनदेखा कर दिया जाता है। स्थानीय लोग हवाई अड्डे की बाउंड्री तोड़कर सुबह की सैर और बाइक रेस के लिए अंदर घुस जाते हैं। कुछ महीने पहले खबर आई थी कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का विमान यहां उतरने वाला था, लेकिन खराब हवाई पट्टी की वजह से पायलट ने मना कर दिया। हालांकि, इस घटना की पुष्टि नहीं हो सकी है।
सैन्य दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण
विशेषज्ञों के अनुसार, सहरसा का हवाई अड्डा नेपाल और चीन की सीमाओं के नजदीक होने के कारण सैन्य दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। 860 मीटर लंबा यह हवाई अड्डा सिर्फ सैर-सपाटे और बाइक रेस के लिए ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के लिए भी उपयोगी हो सकता है। वर्तमान में यहां रेस और स्टंट के दौरान कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमे कई लोगों ने अपनी जान भी गवाई है ।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता: विकास की राह में बाधा
सहरसा हवाई अड्डे की उपेक्षा का मुख्य कारण जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभागों की उदासीनता है। अगर इस हवाई अड्डे को ठीक से विकसित किया जाए, तो यह सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि सैन्य और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। हवाई अड्डे का विकास कोसी क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी, लेकिन इसके लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को सक्रिय होना होगा।
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