पटना: बिहार में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की वर्तमान पोस्टिंग से असंतुष्टि का माहौल देखने को मिल रहा है। राज्य के 16,000 से अधिक शिक्षक अपनी मौजूदा कार्यस्थल से बदलाव चाहते हैं और उन्होंने इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया में आवेदन किया है। 22 नवंबर तक आवेदन करने की अंतिम तिथि है, जिसके बाद दिसंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा। नए स्कूल में शिक्षकों को जनवरी के पहले सप्ताह तक योगदान करना होगा।
कौन-कौन से शिक्षक हैं स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल?
स्थानांतरण प्रक्रिया में नियमित शिक्षक, सक्षमता परीक्षा पास शिक्षक, और बीपीएससी (BPSC) से नियुक्त शिक्षकों को शामिल किया गया है। शिक्षकों की पसंद के आधार पर उनके स्थानांतरण का निर्णय होगा। यह प्रक्रिया शिक्षकों के कार्यस्थल पर उनकी संतुष्टि बढ़ाने और शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए की जा रही है।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से निगरानी
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शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया में ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से सभी आवेदनों की निगरानी की व्यवस्था की है। पोर्टल पर शिक्षकों के आवेदन को बारीकी से देखा जा रहा है ताकि चयनित विकल्पों और रिक्त पदों के अनुसार स्थानांतरण किया जा सके। इस प्रक्रिया में सॉफ्टवेयर की मदद ली जा रही है, जो प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों के स्थानांतरण को अधिक सुगम बनाएगा। यदि किसी शिक्षक के पहले पसंद वाले स्कूल में जगह नहीं है, तो उसे दूसरी पसंद के स्कूल में भेजने का प्रयास किया जाएगा।
स्थानांतरण प्रक्रिया की प्रमुख तिथियाँ
- अंतिम आवेदन तिथि: 22 नवंबर 2024
- स्थानांतरण और पदस्थापन तिथि: दिसंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह
- नए स्कूल में योगदान की तिथि: जनवरी का पहला सप्ताह
स्थानांतरण के लिए विकल्प चुनने का मौका
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से 10 स्थानों का विकल्प मांगा है ताकि उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए सही स्कूल में उनका स्थानांतरण हो सके। इस प्रक्रिया में शिक्षकों की सुविधाओं और उनकी कार्यक्षमता को महत्व दिया गया है, जिससे वे अपनी भूमिका को अच्छे से निभा सकें और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
स्वास्थ्य विभाग ने तीन फूड सेफ्टी अफसरों को दी अतिरिक्त जिम्मेदारी
शिक्षा विभाग के साथ-साथ, स्वास्थ्य विभाग ने भी हाल ही में अपने कुछ अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया है। बेगूसराय में फूड सेफ्टी अफसर वीरेंद्र कुमार के 31 अक्टूबर को रिटायर होने के बाद बेगूसराय, जहानाबाद, और खगड़िया जिलों में फूड सेफ्टी अफसर के पद रिक्त हो गए थे। इस कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तीन नए अफसरों को इन जिलों में तैनात किया है:
- मुकेश जी कश्यप: जहानाबाद के फूड सेफ्टी अफसर
- तपेश्वरी सिंह: बेगूसराय के फूड सेफ्टी अफसर
- अर्जुन प्रसाद: खगड़िया के फूड सेफ्टी अफसर
इन अधिकारियों को इन जिलों में फूड सेफ्टी संबंधी जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं ताकि खाद्य सुरक्षा को बनाए रखा जा सके और विभागीय कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।
शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से बदलते हालात
शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों द्वारा की गई इन सक्रिय पहलों से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार प्रशासनिक सुगमता और सेवा में सुधार की दिशा में कार्यरत है। शिक्षकों के लिए बेहतर कार्यस्थल प्रदान कर उनकी संतुष्टि को बढ़ावा देना और फूड सेफ्टी अफसरों के पदों को शीघ्र भरना, ये दोनों पहल विभागीय कार्यों को मजबूत करने की दिशा में सकारात्मक कदम हैं।
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