पटना में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। शहर के फतुहा में त्रिवेणी घाट, मस्ताना घाट, और कटैया घाट पर विशेष रूप से श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिला। आस्था के इस पर्व पर सभी घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई थी, जिसमें डीएसपी निखिल कुमार, फतुहा थाना प्रभारी रूपक कुमार अंबुज, और नदी थाना प्रभारी राजू कुमार का अहम योगदान रहा।
एसडीआरएफ टीम की तैनाती और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
त्रिवेणी घाट, मस्ताना घाट और कटैया घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से एसडीआरएफ टीम की तैनाती की गई थी। दानापुर के नासरीगंज फक्कड़ महतो घाट, राजपुताना घाट, नारियल घाट और शाहपुर घाट पर भी गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। इसके अलावा बाढ़ के उत्तरायण गंगा घाट पर भी श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा देखा गया।
भीड़ नियंत्रण हेतु यातायात व्यवस्था में बदलाव
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श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए स्टेशन रोड पर वाहनों के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाई गई। फतुहा के एसडीपीओ और बीडीओ सुनील कुमार ने भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्नान के लिए आसपास के नालंदा जिले से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे थे।
मंदिरों में भी उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने शहर के मंदिरों में पूजा-अर्चना की। फतुहा के त्रिवेणी घाट पर स्नान का मनोहारी दृश्य देखा गया, जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था। इस घाट की खासियत यह है कि यहां तीन नदियों का संगम होता है, जिसे त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस स्थान पर कार्तिक पूर्णिमा को स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और संगम पर स्नान का विशेष महत्व माना गया है।
धार्मिक मान्यता और उत्सव का महत्व
ऐसी मान्यता है कि त्रिवेणी पर गंगा स्नान करने से सभी प्रकार की इच्छाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही गंगा का उत्तरायण होना इसे और भी पवित्र बना देता है। इस दिन श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान के साथ गंगा स्नान कर धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लिया, जो कि एक भव्य और आस्था से भरपूर दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।
कार्तिक पूर्णिमा पर हुए इस गंगा स्नान में स्थानीय प्रशासन ने जो सुरक्षा इंतजाम किए थे, उससे सभी श्रद्धालुओं ने बिना किसी बाधा के श्रद्धा और उल्लास के साथ अपना स्नान और पूजा-अर्चना संपन्न किया।
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