बिहार किसान समाचार: बिहार के कई जिलों में खाद की किल्लत हो रही है, जिससे गेहूं की बुआई के मौसम में किसान परेशान हैं। यूरिया खाद की कमी के कारण किसानों को घंटों लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। वहीं, खाद लेने के लिए पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। बिस्कोमान में खाद की आपूर्ति काफी कम की जा रही है और जहां खाद मिल रही है, वहां व्यवस्था बिगड़ने से कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है।
नवादा
जिले के बिस्कोमान क्षेत्र में खाद खरीदने के लिए किसानों की लंबी कतारें लग रही हैं। इन दिनों यूरिया खाद की भारी कमी हो गई है। जिन किसानों ने गेहूं की बुआई कर दी है या जो पटवन के लिए खाद चाहते हैं, उन्हें खाद की जरूरत है। इसके लिए किसान सुबह से ही बिस्कोमान के सामने खड़े हो जाते हैं। किसानों की मांग है कि काउंटर बढ़ाया जाए ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
खाद की किल्लत
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किसानों का कहना है कि वितरण करने वाला व्यक्ति केवल एक ही होता है, जिससे परेशानी होती है। अगर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, तो स्थिति सुधर सकती है। जिले में धान की कटाई और गेहूं की बुआई का काम तेज़ी से हो रहा है, और खाद की जबरदस्त मांग है। किसान खेती छोड़कर खाद की पर्ची कटाने के लिए लाइन में खड़े हो रहे हैं, जिससे बिस्कोमान भवन पर भीड़ के कारण विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है।
बड़े किसान परेशान
बड़े किसान भी खाद के लिए जूझ रहे हैं। उन्हें अधिक खाद लेने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। अभी तक सभी किसानों को केवल दो बोरी खाद ही मिल पा रही है। कतार में खड़े कई किसानों ने बताया कि वे सुबह सात बजे से लाइन में लगे थे, लेकिन शाम तक भी खाद नहीं मिल सका।
बिस्कोमान में स्थिति
बिस्कोमान के गोदाम प्रबंधक रितेश कुमार ने बताया कि रबी सीजन के लिए यह डीएपी खाद की पहली खेप है, इसलिए किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। किसानों की भीड़ को देखते हुए प्रति किसान दो बैग डीएपी देने की व्यवस्था की गई है। हालांकि, खुले बाजार में डीएपी खाद की किल्लत बनी हुई है और किसानों का कहना है कि जिला कृषि विभाग को इस मुद्दे पर त्वरित कदम उठाना चाहिए।
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