बिहार में एक बार फिर से पेपर लीक का मामला गरमाया है, और इस बार यह मामला बीपीएससी (Bihar Public Service Commission) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा से जुड़ा हुआ है। बीपीएससी के इस पेपर लीक का आरोप लगाए गए हैं, जिसके चलते पटना के बापू एग्जाम सेंटर पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। हालांकि बीपीएससी ने पेपर लीक के दावों का खंडन किया है, लेकिन छात्रों ने इस मामले में हंगामा किया था, और इस घटना के बाद से पेपर की अगली तारीख अब तक तय नहीं की जा सकी है।
बिहार में पेपर लीक की बढ़ती समस्या
यह पहला पेपर लीक मामला नहीं है, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार में कई परीक्षाओं में पेपर लीक हो चुके हैं, और यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। नीतीश कुमार के शासनकाल के दौरान, यानी पिछले 12 सालों में बिहार में कुल 10 पेपर लीक हो चुके हैं। इन लीक मामलों के कारण राज्य के लाखों युवाओं को नुकसान हुआ है और परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।
डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो की रिपोर्ट
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बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने इस संबंध में जानकारी दी है कि 2012 से लेकर अब तक कुल 10 पेपर लीक मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच जारी है। अब तक 545 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ढिल्लो के अनुसार, इन लीक मामलों में जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नीट और अन्य पेपर लीक मामलों की जांच
इसमें सबसे प्रमुख मामला नीट (NEET UG) का पेपर लीक था, जिसमें कई गिरफ्तारियां हुईं। यह मामला काफी चर्चित रहा और जांच के दौरान यह पता चला कि बिहार में एक व्यापक पेपर लीक माफिया नेटवर्क सक्रिय है, जो न सिर्फ बिहार, बल्कि झारखंड, यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों तक फैला हुआ है। इन माफियाओं का नेटवर्क इतना बड़ा है कि इसका कारोबार कई सौ करोड़ रुपये तक का है।
पेपर लीक माफिया का बढ़ता नेटवर्क
यह पेपर लीक माफिया मुख्य रूप से परीक्षा के दिन छात्रों को गलत तरीके से मदद करने का काम करते हैं, जिससे परीक्षा में सही उम्मीदवारों की जगह नकल करने वाले उम्मीदवारों को लाभ होता है। बिहार में ऐसे माफियाओं का कार्यक्षेत्र दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और सरकार की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं।
सरकार का सख्त कदम उठाने का दबाव
बिहार में पेपर लीक के मामले सामने आने के बावजूद सरकार ने अब तक इस समस्या को पूरी तरह से खत्म नहीं किया है, और राज्य में हो रही हर परीक्षा में पेपर लीक की घटना को लेकर चिंता जताई जा रही है। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस समस्या को सुलझाने के लिए कौन से सख्त कदम उठाती है।
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