घोटाले का खुलासा: बिहार के मोतिहारी में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है, जहां भू-माफियाओं ने सरकारी स्कूल की ज़मीन और भवन को बेच दिया। यह मामला ढाका प्रखंड के उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पचपकड़ी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलवरिया के स्कूल की ज़मीन का है। दोनों स्कूलों की ज़मीन और भवन को बेचने का खुलासा हुआ है, और आश्चर्य की बात यह है कि ढाका के तत्कालीन सीओ ने फुलवरिया स्कूल की ज़मीन की दाखिल खारिज क्रेता के नाम पर कर दी।
विधानसभा में मामला उठने के बाद कार्रवाई
ढाका के विधायक पवन जायसवाल ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद विभागीय मंत्री ने एक महीने के भीतर सभी संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। जांच में यह सामने आया कि फुलवरिया स्कूल की ज़मीन को भू-माफियाओं ने अधिकारियों की मिलीभगत से बेच दिया और म्यूटेशन तक करवा दिया।
अधिकारियों की मिलीभगत का सवाल
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यह बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या पूर्वी चंपारण में भू-माफियाओं और अधिकारियों के बीच मिलीभगत चल रही है? सरकारी स्कूल को भी नहीं बख्शा गया, जबकि आम लोगों को अपनी ज़मीन का म्यूटेशन करवाने के लिए सालों तक इंतजार करना पड़ता है। इस मामले ने सरकारी जमीनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
गोपालगंज में भी घोटाला
बीते दिनों गोपालगंज में भी एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया था, जिसमें भू-माफियाओं ने राजेंद्र बस स्टैंड की 85 कट्ठा ज़मीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने नाम पर जमाबंदी करवा ली थी।
मंत्री का सख्त बयान
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने विधानसभा में कहा था कि जमीन से जुड़े कार्यों में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि यदि अधिकारी खुद सुधार नहीं करते, तो विभाग उन्हें सुधार देगा।
जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया
इस मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया है और एडीएम मुकेश कुमार सिन्हा की अगुवाई में जांच की गई। अब इस घोटाले में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
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