बिहार में बिजली आपूर्ति को बेहतर और अधिक विश्वसनीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अब आम नागरिकों को भी उसी तरह निर्बाध बिजली सेवा मिल सकेगी जैसी वीआईपी इलाकों में मिलती है। बिजली कंपनी ने सभी प्रमुख ग्रिडों को जोड़ने और अतिरिक्त स्रोतों से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का फैसला लिया है। यह निर्णय बिजली की आपूर्ति में आने वाली रुकावटों को कम करने और हर मौसम में लोगों को स्थिर बिजली सेवा देने के लिए लिया गया है।
ग्रिडों के आपसी जोड़ से होगी निर्बाध बिजली आपूर्ति
बिहार में अब बिजली ग्रिडों को आपस में जोड़ा जाएगा, ताकि एक ग्रिड में खराबी आने पर दूसरे ग्रिड से बिजली की आपूर्ति जारी रखी जा सके। इस परियोजना में निचले स्तर पर 11 केवी के तारों को भी आपस में जोड़ा जाएगा ताकि किसी भी तकनीकी खामी के बावजूद बिजली आपूर्ति बाधित न हो। बिजली कंपनी ने इस योजना के लिए एक विस्तृत प्लान तैयार किया है और इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है। केंद्र से धनराशि मिलते ही इस पर काम शुरू किया जाएगा और दो साल के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
वीआईपी इलाकों की तरह अब आम लोगों को भी दो स्रोतों से बिजली
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कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में राज्य के वीआईपी इलाकों में दो-दो स्रोतों से बिजली आपूर्ति की जाती है। इसका मतलब यह है कि यदि एक स्रोत से बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की समस्या आती है, तो दूसरे स्रोत से तुरंत आपूर्ति शुरू कर दी जाती है। इसी तरह की सुविधा अब राज्य के अन्य हिस्सों में भी दी जाएगी। इसके लिए सभी प्रमुख ग्रिडों को आपस में जोड़कर एक नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इस नेटवर्क में निचले स्तर पर 11 केवी के तारों को भी जोड़ा जाएगा ताकि एक तार में खराबी आने पर बिजली की सप्लाई तुरंत दूसरे तार से की जा सके।
रिमोट मॉनिटरिंग यूनिट (RMU) से होगी निगरानी
बिजली की आपूर्ति में रुकावट को तत्काल ठीक करने के लिए रिमोट मॉनिटरिंग यूनिट (RMU) का उपयोग किया जाएगा। वर्तमान में पटना और कुछ अन्य स्थानों पर RMU की सुविधा उपलब्ध है, जिसे अन्य प्रमुख शहरों में भी लागू किया जाएगा। कुछ स्थानों पर यह प्रणाली ऑटोमेटिक रूप से काम करती है, यानी एक स्रोत में खराबी आने पर खुद ही दूसरे स्रोत से बिजली सेवा चालू हो जाती है। इस तकनीक के लागू होने से बिजली आपूर्ति में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर उसे तुरंत ठीक किया जा सकेगा।
617 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी यह परियोजना
इस परियोजना पर लगभग 617 करोड़ 73 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए बिजली कंपनी ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है और केंद्र सरकार को भेज दी है। जैसे ही केंद्र से धनराशि मिलती है, इस योजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा। कंपनी का उद्देश्य है कि राज्य में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार हो और हर मौसम में लोगों को निर्बाध बिजली मिल सके।
स्मार्ट फीडर मैनेजमेंट सिस्टम से मिलेगी तकनीकी सहायता
बिजली कंपनी राज्य के प्रमुख शहरों में स्मार्ट फीडर मैनेजमेंट सिस्टम (SCADA-MS) भी लागू कर रही है। यह प्रणाली बिजली आपूर्ति को स्मार्ट तरीके से प्रबंधित करती है और बिजली की मांग एवं आपूर्ति के बीच संतुलन बनाती है। इस प्रणाली के तहत जैसे ही किसी ग्रिड में बिजली का लोड बढ़ता है, सिस्टम खुद ही अतिरिक्त स्रोतों से बिजली की आपूर्ति शुरू कर देता है। इससे उपभोक्ताओं को बिना रुकावट बिजली मिलती रहेगी और तकनीकी दिक्कतों से भी बचा जा सकेगा।
इस योजना से आम लोगों को क्या लाभ होगा?
- बिना रुकावट बिजली आपूर्ति: ग्रिडों के आपसी जोड़ से अब बिजली आपूर्ति किसी एक स्रोत पर निर्भर नहीं रहेगी। इससे किसी भी तकनीकी खामी के बावजूद बिजली सप्लाई बरकरार रखी जा सकेगी।
- मॉनिटरिंग सिस्टम से त्वरित समाधान: RMU और SCADA-MS जैसी तकनीकी सुविधाओं से बिजली कटौती की समस्या को तुरंत ठीक किया जा सकेगा।
- हर मौसम में निर्बाध बिजली: केंद्र सरकार से राशि मिलते ही इस परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा, जिससे हर मौसम में लोगों को बिजली आपूर्ति मिलती रहेगी।
- उपभोक्ताओं की संतुष्टि बढ़ेगी: बिजली की निर्बाध आपूर्ति होने से लोगों को बिजली कटौती की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनकी संतुष्टि बढ़ेगी।
बिजली कंपनी का उद्देश्य और भविष्य की योजना
बिजली कंपनी का मकसद है कि बिहार के सभी हिस्सों में उच्च गुणवत्ता वाली और निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके। कंपनी राज्य में सभी इच्छुक उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन पहले ही प्रदान कर चुकी है, और अब उनके लिए गुणवत्तापूर्ण बिजली सेवा देने पर काम कर रही है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद, राज्य के सभी उपभोक्ताओं को उसी गुणवत्ता की बिजली सेवा मिल सकेगी जो वीआईपी इलाकों में दी जाती है।
निष्कर्ष
बिहार में बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने की यह योजना न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आम लोगों के जीवन में भी बड़ा बदलाव लाएगी। इस परियोजना के लागू होने से बिहार के हर घर और हर इलाके में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे राज्य के विकास में योगदान मिलेगा।
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