पटना के गांधी मैदान में एग्रो बिहार-2024, बिहार का सबसे बड़ा कृषि यांत्रिकरण मेला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस चार दिवसीय मेले का उद्घाटन किया। इस आयोजन का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना और उन्हें खेती के नए उपकरणों से परिचित कराना है।
एग्रो बिहार-2024 की झलकियां
- मेले का उद्घाटन:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेले का फीता काटा और वहां लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का दौरा किया। उन्होंने अलग-अलग कृषि यंत्रों और उनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी ली।- इस मेले में देशभर के कई राज्यों से 125 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं।
- फसल अवशेष प्रबंधन, बागवानी यंत्र, आधुनिक बीज और सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी प्रदर्शित की गई।
- किसानों की भागीदारी:
- हर दिन बिहार के अलग-अलग जिलों से 4,500 किसानों को सरकारी खर्चे पर मेला घुमाया जा रहा है।
- किसानों को "किसान पाठशाला" के जरिए खेती के आधुनिक तरीकों और यंत्रों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सरकार की पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने 2005 से कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं:
- यंत्रों पर सब्सिडी:
- किसानों को 110 तरह के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है।
- फसल अवशेष प्रबंधन के लिए यंत्रों पर 80% तक की सब्सिडी दी जा रही है।
- ‘कृषि यंत्र बैंक’ योजना के तहत किसानों को 10 लाख रुपये तक का अनुदान भी मिल रहा है।
- उत्पादन में बढ़ोतरी:
- फसलों, सब्जियों और फलों की उत्पादकता पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है।
- मछली उत्पादन ढाई गुना बढ़ा है, जिससे बिहार अब मछली उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है।
- चौथा कृषि रोड मैप:
- 2023 से 2028 के लिए बनाए गए इस रोड मैप में 1.62 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
- इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र का समग्र विकास करना है।
नीतीश कुमार का संदेश
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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला किसानों को कृषि यंत्रों के उपयोग और खेती के नए तरीकों को समझने का एक बेहतरीन अवसर देगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इन तकनीकों को अपनाएं और अपनी खेती को ज्यादा लाभकारी बनाएं।
मेले में कौन-कौन है शामिल?
इस आयोजन में कृषि मंत्री मंगल पांडे, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। देश के अलग-अलग राज्यों से कृषि वैज्ञानिक, उद्यमी, और यंत्र निर्माता कंपनियां भी भाग ले रही हैं।
यह मेला किसानों के लिए खेती को आसान और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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