भागलपुर-हंसडीहा फोरलेन परियोजना: 25 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, जानिए कैसे बदल जाएगी बिहार-झारखंड की दूरी!

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भागलपुर: बिहार और झारखंड के बीच की दूरी कम करने के लिए एनएच-133ई को फोरलेन में तब्दील किया जा रहा है। इस फोरलेन सड़क के निर्माण से दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रा समय में भी कटौती होगी। भागलपुर से भलजोर तक जाने वाली इस सड़क को चौड़ा करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है, और जल्द ही इसके लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू होगा।

फोरलेन बन जाने के बाद बिहार से देवघर और बासुकीनाथ तक की दूरी लगभग 7 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे यात्रा सुगम और समय की बचत होगी।

जिलाधिकारी का बयान और फोरलेन की योजना

जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने बताया कि इस फोरलेन परियोजना के लिए लगभग 34 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। 24 किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण के लिए रजौन प्रखंड के 25 गांवों की भूमि चिन्हित की गई है। इस परियोजना के दौरान कुछ मकानों के तोड़ने का विरोध भी हुआ था, लेकिन अब टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

इन गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण

रजौन प्रखंड के जिन गांवों की जमीन इस परियोजना में अधिग्रहण की जाएगी, उनमें जीवनचक, मुनिया चक, मोसिनचक, स्तबिधि, नियामतपुर, जोअड़चक, सांझा, अगियाचक, टिकूनी, मड़ई, खैरा, खिफायत पुर, भुसिया, बनगांव, मोरामा, चांदपुर और अन्य गांव शामिल हैं।

विशेष ध्यान और विकास की उम्मीद

निर्माण के दौरान पानी की निकासी का खास ख्याल रखा जाएगा ताकि भविष्य में स्थानीय लोगों को किसी भी प्रकार की जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े। इस फोरलेन के बनने से क्षेत्र का विकास भी तेज होगा, जिससे स्थानीय लोगों को सुविधा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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