बिहार के सीतामढ़ी जिले का कुख्यात अपराधी सरोज राय, जो 2 लाख रुपये का इनामी था, गुरुग्राम में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। सरोज राय पर विधायकों से रंगदारी मांगने और 32 से ज्यादा संगीन अपराधों का आरोप था।
सरोज राय का आपराधिक सफर
- 2014 में अपराध की शुरुआत: सरोज ने सीतामढ़ी और आसपास के जिलों में अपराध की दुनिया में कदम रखा।
- रंगदारी और हत्या: वह व्यापारियों और राजनेताओं से रंगदारी मांगने के लिए कुख्यात था।
- हालिया घटना: जेडीयू विधायक पंकज कुमार मिश्रा से पैसे की मांग और उनके परिवार को धमकी दी थी।
- एके-56 का इस्तेमाल: जनवरी 2019 में सरोज के गुर्गों ने एके-56 राइफल से एक सड़क निर्माण कंपनी के मुंशी की हत्या की थी।
- पुलिस गिरफ्तारी और फरारी:
- 2019 में नागालैंड भागने की कोशिश के दौरान बिहार एसटीएफ ने उसे पूर्णिया में पकड़ा था।
- जेल से बाहर आने के बाद वह फिर सक्रिय हो गया और अंडरग्राउंड हो गया।
गुरुग्राम में एनकाउंटर कैसे हुआ?
- बिहार पुलिस ने दी थी सूचना: सरोज राय गुरुग्राम में किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहा था।
- हरियाणा पुलिस के साथ ऑपरेशन:
- मानेसर में घेराबंदी की गई।
- सरोज ने पुलिस पर गोलियां चलाईं।
- जवाबी फायरिंग में सरोज मारा गया।
सरोज राय के खिलाफ दर्ज मामलों की सूची
- 32 से अधिक संगीन मामले:
- हत्या
- रंगदारी
- अवैध हथियारों का इस्तेमाल
- पुलिस पर हमले
समाज में डर और पुलिस की कार्रवाई
सरोज राय के आतंक के चलते व्यापारी और आम लोग दहशत में रहते थे। उसकी मौत से सीतामढ़ी और आसपास के इलाकों में राहत की सांस ली जा रही है। हालांकि, पुलिस अभी भी उसके फरार साथी और अन्य गुर्गों की तलाश में है।
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